राबड़ी देवी ने आईआरसीटीसी घोटाले में न्यायाधीश बदलने की मांग की, पक्षपात का आरोप लगर दी याचिका
राबड़ी देवी ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर न्यायाधीश विशाल गोगने से जुड़े चार मामलों को स्थानांतरित करने की मांग की है। उन्होंने न्यायाधीश पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनके और उनके परिवार के खिलाफ पूर्व नियोजित तरीके से मुकदमा चला रहे हैं।

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आईआरसीटीसी घोटाला मामले में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोप तय करने वाले न्यायाधीश विशाल गोगने से चार मामलों को स्थानांतरित करने की मांग को लेकर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष याचिका दायर की है।
राबड़ी देवी ने न्यायाधीश पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पूर्व नियोजित तरीके से मुकदमा चला रहे हैं। सोमवार को राबड़ी देवी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने को बताया कि एक आवेदन फाइल किया गया है और इस पर जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है।
याचिका में कहा गया है न्यायाधीश गोगने अभियोजन पक्ष के प्रति पक्षपाती हैं। राबड़ी देवी ने आवेदन में न्यायाधीश गोगने के समक्ष लंबित आईआरसीटीसी घोटाला मामला, नौकरी के बदले भूमि का मामला और उनसे जुड़ी मनी लांड्रिंग की कार्यवाही को स्थानांतरित करने की मांग की है।
याचिका में राबड़ी देवी ने जज पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पहले से सोचे-समझे मन से ट्रायल कर रहे हैं। 13 अक्टूबर को, न्यायाधीश गोगने ने आइआरसीटीसी मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और कई अन्य के खिलाफ आपराधिक आरोप तय किए थे।
राबड़ी देवी ने यह भी कहा कि ऊपर बताए गए सभी मामलों में कार्रवाई के दौरान अलग-अलग मौकों पर विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने का व्यवहार अभियोजक की तरफ बेवजह झुका हुआ लगता है।
यह भी तर्क दिया कि न्यायाधीश का यह आचरण मुकदमे की कार्रवाई व आदेश के कई उदाहरणों से देखा जा सकता है। ऐसे में मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिए सक्षम अधिकार क्षेत्र वाले किसी दूसरे कोर्ट में स्थानांतरित करने की ज़रूरत है।
आईआरसीटीसी मुकदमे में सीबीआइ ने आरोप लगाया है कि लालू यादव और उनके परिवार ने एक प्राइवेट फर्म को ठेका देने के लिए रिश्वत के तौर पर कीमती जमीन और शेयर लिए थे। इस दौरान लालू यादव रेल मंत्री थे।
इस मामले में विशाल गोगने ने लालू यादव सहित अन्य के खिलाफ आरोप तय किए हैं। वहीं, नौकरी के बदले भूमि के मामले में भी लालू व राबड़ी सहित अन्य आरोप हैं। रेल मंत्री रहने के दौरान लालू पर नौकरी के बदले करीबियों के नाम पर भूमि लेने का आरोप है।

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