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    DUSU की ज्वाॅइंट सेक्रेटरी दीपिका झा के विरोध में उतरे शिक्षक, आंबेडकर काॅलेज के प्रोफेसर को जड़े थे थप्पड़

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 05:55 PM (IST)

    इंडियन नेशनल टीचर्स कांग्रेस (इंटेक) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. बीआर आंबेडकर काॅलेज में एक प्राध्यापक पर हुए हमले की निंदा की है। इंटेक ने इसे शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने पुलिस की मौजूदगी में हुई इस घटना पर चिंता जताई और निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि विश्वविद्यालय परिसरों को हिंसा से मुक्त रखा जा सके।

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    DUSU की ज्वाॅइंट सेक्रेटरी दीपिका झा के विरोध में उतरा इंटक।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इंडियन नेशनल टीचर्स कांग्रेस (इंटेक) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के डाॅ. बीआर आंबेडकर काॅलेज में 16 अक्टूबर को एक वरिष्ठ प्राध्यापक पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। संगठन ने इस घटना को शैक्षणिक स्वतंत्रता और संस्थागत गरिमा पर प्रहार बताते हुए दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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    इंटेक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह हमला पुलिसकर्मियों और काॅलेज अधिकारियों की मौजूदगी में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की ज्वाॅइंट सेक्रेटरी दीपिका झा द्वारा किया गया, जो विश्वविद्यालय परिसरों में बढ़ती हिंसा और डराने-धमकाने की चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाता है।

    संगठन ने कहा कि यह केवल एक शिक्षक पर हमला नहीं, बल्कि पूरे शैक्षणिक समुदाय की गरिमा और स्वायत्तता पर हमला है। इंटेक ने काॅलेजों के कामकाज में बढ़ते राजनीतिक हस्तक्षेप और संस्थागत अनुशासन के हाल पर गंभीर चिंता जताई। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि घटना के दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा हस्तक्षेप न करना उनकी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता पर प्रश्नचिह्न लगाता है।

    इंटेक ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि प्राॅक्टोरियल बोर्ड इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित जांच करे, सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर दोषियों की पहचान करे और इस गुंडागर्दी में शामिल डूसू पदाधिकारी को तत्काल निष्कासित किया जाए। साथ ही, दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता पर भी जवाबदेही तय की जाए और उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।

    संगठन ने कहा कि विश्वविद्यालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके परिसर हिंसा, दबाव और राजनीतिक डराने-धमकाने से मुक्त रहें। ऐसे अवसरों पर प्रशासन की चुप्पी या देरी केवल उन लोगों को प्रोत्साहित करती है जो विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक और शैक्षणिक मूल्यों को कमजोर करना चाहते हैं।

    इंटेक के चेयरमैन प्रो. पंकज गर्ग ने कहा कि काॅलेजों में बढ़ती राजनीतिक आक्रामकता न केवल शिक्षकों के मनोबल को प्रभावित करती है, बल्कि विश्वविद्यालयों के चरित्र को भी कमजोर करती है। इंटेक ने कहा कि किसी भी रूप में हिंसा का विश्वविद्यालयों में कोई स्थान नहीं है।

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