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    दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान में नौ दिन तक चली पुलिस की छापेमारी, सात अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरफ्तार

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 10:11 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है और सात लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 22.7 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों से जुड़ी 46 शिकायतें पाई हैं और 8.59 लाख रुपये फ्रीज किए हैं। आरोपी फेसबुक पर विज्ञापन देकर लोगों को फंसाते थे।

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    दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान में नौ दिन तक चली पुलिस की छापेमारी, सात अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ कर उत्तरी जिला के साइबर सेल थाना पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह एक साॅफ्टवेयर इंजीनियर से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 22.7 लाख रुपये की ठगी कर चुका है।

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    आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के विभिन्न इलाकों में नौ दिनों तक छापेमारी की। जांच में एनसीआरपी पोर्टल पर आरोपितों के बैंक खातों से जुड़ी 46 शिकायतें मिली है। इनके बैंक खाते में जमा 8.59 लाख रुपये फ्रिज करा दिए गए हैं।

    आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 10 मोबाइल, 14 सिमकार्ड, 17 डेबिट कार्ड, एक लैपटाप, तीन पैन कार्ड, पांच चेकबुक, छह पासबुक, व कंपनी से संबंधित दस्तावेज और विजिटिंग कार्ड बरामद किए गए हैं।

    डीसीपी उत्तरी जिला राजा बांठिया के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम अतुल कुमार (विष्णु गार्डन), प्रशांत सिंह (फर्रुखाबाद), भावेश कुमार खान (पटना), सुमित झाझरिया (झुंझुनू, राजस्थान), योगेश कुमार (झुंझुनू), गौरव (जयपुर) व विवेक कुमार (अलवर, राजस्थान) हैं।

    शक्ति एन्क्लेव, बुराड़ी के रहने वाले साफ्टवेयर इंजीनियर मुकेश कुमार ने एनसीआरपी पोर्टल पर 22.7 लाख रुपये की धोखाधड़ी के संबंध में आनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया था कि बीते अप्रैल में उन्हें फेसबुक पर आनलाइन ट्रेडिंग से संबंधित एक विज्ञापन दिखाई दिया।

    विज्ञापन में अपस्टाॅक्स का असली लोगो और नाम था, जिस पर 'ट्रेडिंग शुरू करें' नामक एक बटन था। बटन पर क्लिक करने पर उन्हें 'अपस्टाॅक्स सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड' होने का दावा करने वाले एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया गया। ग्रुप के संचालकों ने खुद को विशेषज्ञ ट्रेडर होने का दावा किया।

    कपिल जयकल्याणी नामक एक व्यक्ति ने खुद को कंपनी का निदेशक बताया और उन्हें आश्वासन दिया कि कंपनी सेबी में पंजीकृत है। जिसके बाद मुकेश कुमार ने पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की। इसपर उन्हें एक मेल प्राप्त हुआ। और उन्हें ‘यूपी सक्सेस एक्सप्रेस’ नाम के एक वाॅट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया गया।

    कई सदस्यों ने उसमें दैनिक लाभ के स्क्रीनशाॅट और जमा प्रमाण साझा किए। 24 अप्रैल को एडमिन दिव्यांगना थोरात ने अपने ट्रेडिंग एप को डाउनलोड करने के लिए एक लिंक साझा किया, जिसमें नेटवर्क त्रुटियां दिखाई दीं। बाद में उन्हें एक वैकल्पिक साइट पर निर्देशित किया गया।

    वहां शुरू में कुछ राशि निवेश करने पर उन्हें कुछ लाभ प्राप्त हुआ, जिससे उन्होंने लालच में आकर ठगों के निर्देश पर 22.7 लाख रुपये निवेश कर दिए। जब उन्होंने अपने पैसे निकालने की कोशिश की तब उन्हें निकालने नहीं दिया गया और ब्लाॅक कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने नौ जून काे उत्तरी जिला के साइबर सेल थाने में मामला दर्ज करा दिया।

    एसीपी विदुषी कौशिक व इंस्पेक्टर रोहित गहलोत के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जांच शुरू की। पुलिस टीम ने वाॅट्सएप, गूगल डाटा, आईपी लाॅग, पंजीकृत ईमेल आईडी और मोबाइल नंबरों से तकनीकी जानकारी प्राप्त की। लगभग 200 मोबाइल नंबरों और आईएमइआई नंबरों के काॅल डिटेल रिकार्ड का विस्तृत तकनीकी जांच की गई साथ ही कई बैंक खातों में पैसों के लेन-देन की जांच की गई।

    जांच पाया गया कि वाॅट्सएप खाते मलेशिया में सक्रिय थे। फ्लिपकार्ट, स्विगी, जोमैटो, ब्लूडार्ट, डेल्हीवरी आदि प्लेटफार्म से जानकारी प्राप्त करके छापेमारी की गई, लेकिन आरोपी बार-बार अपना ठिकाना बदलते रहे। इसके बाद पुलिस टीम ने संदिग्ध मोबाइल नंबरों पर लगातार निगरानी रखी, जिससे आरोपितों की लोकेशन का पता चल गया।

    इसके बाद छह अक्टूबर को गुरुग्राम, गाजियाबाद और दिल्ली में छापेमारी कर अतुल कुमार को गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर प्रशांत सिंह और भावेश कुमार खान (एमबीए) को गिरफ्तार कर लिया गया।

    नौ अक्टूबर को सुल्ताना, झुंझुनू, राजस्थान में छापेमारी कर सुमित झाझरिया को गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर योगेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। 14 अक्टूबर को प्रताप नगर, सांगानेर, राजस्थान में छापा मार वहां से गौरव को गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ के बाद विवेक कुमार सत्तावन को अलवर से दिल्ली तक पीछा करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

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