तेल पाइपलाइन चोरी सिंडिकेट का भंडाफोड़, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दो दबोचे; HPCL पाइपलाइन से करते थे चोरी
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तेल पाइपलाइन चोरी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। HPCL की पाइपलाइन से तेल चुराने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार किए गए है ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जयपुर में एचपीसीएल की पाइपलाइन से तेल चोरी करने के मामले में वांछित एक अंतरराज्यीय सिंडिकेट के दो सदस्यों को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। राजस्थान पुलिस से दोनों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने हरियाणा व पंजाब में भी तेल चोरी के दो मामले सुलझाने का दावा किया है। यह सिंडिकेट 30 साल से तेल चोरी की वारदात का रहा था।
डीसीपी हर्ष इंदौरान के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम स्वर्ण सिंह (गुरुनानक विहार, चंदर विहार) व धर्मेंद्र (रानी बाग) हैं। 10 जून को जयपुर पुलिस को वसुंधरा कालोनी में एचपीसीएल पाइपलाइन से तेल चोरी करने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम को राजेश उरांग से पता चला कि स्वर्ण सिंह सरदार और उसके साथी चोरी कर रहे हैं। स्वर्ण सिंह, डिब्रूगढ़, असम रहने वाला है। वह वहां पर किराए पर रह रहा था।
परिसर की तलाशी में खुदाई के औजार और एक कमरे के अंदर सुरंग मिली थी, जहां तीन वाल्वों वाला एक जीआइ पाइप एक पारदर्शी प्लास्टिक पाइप से जुड़ा हुआ मिला, जो बाहर एक वाहन में रखे प्लास्टिक के टैंक तक जाता था,जिसमें डीजल पाया गया था। पुलिस ने एचपीसीएल पाइपलाइन पर अवैध रूप से लगाए गए वाल्व हटाकर स्वर्ण सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। । जयपुर पुलिस की सूचना पर क्राइम ब्रांच की टीम ने स्वर्ण सिंह और धर्मेंद्र को विकासपुरी से गिरफ्तार कर लिया।
स्वर्ण सिंह मूलरूप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला है और पेशे से चालक है। कई साल पहले उसने ट्रक खरीद लिया था, जिसके बाद 1992 मे, बीपीसीएल के तेल टैंकर के ड्राइवर के रूप में काम करते हुए, उसे दिल्ली हवाई अड्डे पर तेल की आपूर्ति का काम सौंपा गया था। इस दौरान, उसने तेल चोरी कर उसे बाजार में बेचने का धंधा शुरू कर दिया। उसकी गतिविधियों का पता चलने पर उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
जेल से रिहा होने के बाद उसने टैंकर चलाना शुरू कर दिया। लंबी दूरी की यात्राओं के दौरान उसने देखा कि कई ट्रांसपोर्टर सस्ता ईंधन खरीदने को तैयार थे। इससे उसने असम तेल निगम के कर्मचारियों से कम कीमत में तेल खरीद उसे औद्योगिक क्षेत्रों में बेचने का काम शुरू किया, जिसमें वह दोबारा पकड़ा गया और उसका टैंकर जब्त कर लिया गया। जेल से रिहा होने के बाद उसने नया तरीका अपनाया। उसने अलग-अलग तेल कंपनियों की तेल पाइपलाइनों की पहचान करना शुरू किया और सीधे पाइपलाइनों से तेल चुराना शुरू कर दिया।

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