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    दिल्ली में व्यापारी से लूट और फायरिंग करने वाला कुख्यात बदमाश गिरफ्तार, खुले कई बड़े राज

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 11:50 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने करोल बाग के एक व्यापारी से 18 लाख की लूट और फायरिंग करने वाले कुख्यात बदमाश विकास जैन को गिरफ्तार किया है। आरोपी पहले भी बैंक धोखाधड़ी के मामले में भगोड़ा घोषित था। उसने 2013 में व्यापारी पर हमला कर नकदी लूटी थी और जमानत के बाद फरार हो गया था। जांच में पता चला कि वह बैंक धोखाधड़ी में भी शामिल था।

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में करोल बाग के एक व्यापारी पर फायरिंग कर 18 लाख नकद और उसका मोबाइल फोन लूटने वाले कुख्यात बदमाश को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित की पहचान मध्य प्रदेश, इंदौर के विकास जैन के रूप में हुई है। वह इससे पहले 30 लाख रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में भी भगोड़ा घोषित था।

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    कारोबारी से लूट के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। जमानत मिलने के बाद, वह फरार हो गया और गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपने ठिकाने बदलता रहा। वह पिछले दो वर्षों से इंदौर में रह रहा था और प्रतिष्ठित बैंकों के कई डायरेक्ट सेलिंग एजेंटों (डीएसए) के लिए काम कर रहा था।

    उपायुक्त हर्ष इंदौरा के मुताबिक, आरोपित को पकड़ने के लिए एसीपी राजपाल डबास की देखरेख में और इंस्पेक्टर सतीश मलिक के नेतृत्व में टीम गठित की गई। जांच के दौरान एसआइ अनुज छिकारा और हेड कांस्टेबल रविंदर ने तकनीकी निगरानी के जरिये आरोपित के स्थान का पता लगाया।

    सूचना पर कार्रवाई करते हुए उसे इंदौर के एरोड्रम इलाके में जाल बिछाते हुए आरोपित को दबोच लिया। उसे दिल्ली लाकर न्यायालय में पेश किया गया।

    फायरिंग कर दिया था लूट की वारदात को अंजाम

    दलीप कुमार छाबड़ा उर्फ सनी ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि वह न्यू तिब्बती कैंप, मजनू का टीला में मनी एक्सचेंज का व्यवसाय करते हैं। 13 दिसंबर 2013 को जब वह अपनी कार से मुकंदपुर से पीतमपुरा जा रहे थे तभी आजादपुर फ्लाईओवर के पास उन्हें एक कार ने ओवरटेक किया और उनके सामने रुक गई। पिस्टल से लैस एक व्यक्ति ने कार का शीशा तोड़ उन पर फायरिंग की, जिससे वह घायल हो गए।

    इसके बाद हमलावर 18 लाख नकद, दस्तावेज और पीड़ित का मोबाइल फोन लेकर शालीमार बाग की ओर भाग गया। इस मामले में आरोपित विकास जैन को गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। इसके बाद, वह फरार हो गया और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया।

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    इससे पहले जुलाई 2013 में, आरोपित संपत्ति ऋण स्वीकृत कराने के लिए मेसर्स आर्चीहाउस नामक एक फर्म के संपर्क में आया। उसने जाली ऋण दस्तावेज तैयार किए और उन्हें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, करोल बाग शाखा में जमा कर दिया।

    बैंक ने 30 लाख का ऋण स्वीकृत किया और मेसर्स आर्चीहाउस के पक्ष में चार ड्राफ्ट जारी किए। हालांकि, आरोपित ने अपने साथियों के साथ मिलकर वैश्य को-आपरेटिव बैंक, चांदनी चौक शाखा में उसी फर्म के नाम से एक जाली बैंक खाता खोलकर सभी ड्राफ्टों को धोखाधड़ी से भुना लिया। पूछताछ के दौरान, आरोपित ने बताया कि उक्त बैंक के निदेशक वी.बी. अग्रवाल भी इस साजिश में शामिल थे।