दिल्ली में पेड़ कटाई मामले में एनजीटी का बड़ा फैसला, डीसीएफ को दिए कार्रवाई के निर्देश
दिल्ली के महरौली रोड पर एसटीसी हाउसिंग कॉलोनी में अवैध पेड़ कटाई के मामले में एनजीटी ने याचिका का निपटारा किया। जुर्माने की मांग खारिज करते हुए, एनजीटी ने डीसीएफ (दक्षिण) को दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए। रिपोर्ट में 17 पेड़ों की कटाई की पुष्टि हुई, जिसके बदले 200 पेड़ लगाए गए हैं और 100 और लगाए जाने हैं। एनजीटी ने शेष वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त स्थान निर्धारित करने का आदेश दिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में महरौली रोड स्थित एसटीसी हाउसिंग कॉलोनी में अवैध रूप से पेड़ काटने और काट-छांट करने के खिलाफ दायर की गई याचिका का नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने निपटारा कर दिया।
वहीं, सुनवाई के दौरान प्रति पेड़ एक लाख रुपये जुर्माना लगाने की मांग की गई थी। हालांकि, एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह कहते हुए इसे ठुकरा दिया कि एमसी मेहता बनाम भारत सरकार मामले की परिस्थितियों से इस मामले की समानता स्पष्ट नहीं है।
वहीं, एनजीटी ने डीसीएफ (दक्षिण) को दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। एनजीटी ने कहा कि पर्यावरणीय मुआवजे पर निर्णय नहीं दिया गया क्योंकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस मामले में पक्षकार नहीं था।
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इस दौरान एनजीटी ने उप वन संरक्षक (दक्षिण) की रिपोर्ट काे रिकॉर्ड पर लिया। रिपोर्ट में 17 पेड़ों की अवैध कटाई और 10 पेड़ों की भारी छंटाई की पुष्टि की गई। वहीं, दिल्ली सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग ने एनजीटी को सूचित किया कि इस मामले में मालवीय नगर थाने में प्राथमिकी हुई थी और मामले की जांच जारी है।
यह भी सूचना दी गई कि काटे गए पेड़ों के बदले 200 पेड़ लगाए जा चुके हैं, लेकिन स्थान की कमी के कारण 100 पेड़ लगाना बाकी है। इस पर पीठ ने डीसीएफ (दक्षिण) को शेष 100 पेड़ लगाने के लिए उपयुक्त स्थान निर्धारित करने का निर्देश दिया।
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