दिल्ली में डीबीसी हड़ताल पर महापौर ने उठाया अहम कदम, 11 सदस्यीय समिति गठित
दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने डीबीसी कर्मचारियों की हड़ताल को सुलझाने के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है। डीबीसी कर्मी समान वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं, जिससे मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम प्रभावित हो रही है। सदन में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ। महापौर ने त्योहारों के लिए सफाई व्यवस्था के लिए 12.5 करोड़ रुपये जारी किए हैं और प्रत्येक वार्ड में 50 नई एलईडी लाइटें लगेंगी।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में महापौर राजा इकबाल सिंह ने मंगलवार को पांच हजार डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) की 16 दिनों से जारी हड़ताल को सुलझाने के लिए 11 सदस्यीय समिति गठित करने की जानकारी दी है।
इस समिति में डीबीसी कर्मियों व विपक्षी दलों के पार्षद भी सदस्य होंगे। डीबीसी कर्मी समान काम के लिए समान वेतन की मांग करते हुए 29 सितंबर से हड़ताल पर हैं, जिससे मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम और फागिंग अभियान प्रभावित है। महापौर ने समिति को दो दिन के भीतर सुझाव सौंपने को कहा गया है।
मंगलवार की निगम सदन बैठक में यह मुद्दा खूब उठा। आप पार्षदों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया तथा आरोप लगाया कि निगम प्रशासन ने जानबूझकर कार्रवाई में देरी की और समिति बनाना कोई समाधान नहीं है।
विपक्ष के नेता अंकुश नारंग ने कहा कि सत्तापक्ष आवारा कुत्तों पर समिति बनाकर कुछ नहीं कर पाया अब डीबीसी के लिए समिति बना रहे हैं। वहीं, इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (आइवीपी) के पार्षद मुकेश गोयल ने आप पर आरोप लगाया कि उसके कार्यकाल (2023-2025) में भी डीबीसी कर्मचारियों के कल्याण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
पिछले वर्ष के अंत में जरूर डीबीएस कर्मियों को मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया, पर वेतन बढ़ाने के लिए बजटीय प्रविधान तक नहीं किया।
फिलहाल, अधिकतर डीबीसी कर्मचारियों को 20,496 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन दिया जाता है, जबकि 272 कर्मचारियों को पहले के उत्तरी निगम के तहत 27,900 रुपये मिल रहे हैं। विवाद इस अंतर पर है। सदन की बैठक में कांग्रेस पार्टी की पार्षद नाजिया दानिश ने आरोप लगाया कि उनके पार्टी के मुद्दे को आप अपना बताकर श्रेय लेना चाहती है।
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उधर, महापौर ने आयुक्त अश्वनी कुमार को निर्देश दिया कि जब तक समाधान नहीं निकलता, तब तक अस्थायी व्यवस्थाएं की जाएं। सदन में नेता प्रवेश वाही ने बताया कि 11 सदस्यीय समिति में दो डीबीसी प्रतिनिधि, विपक्ष के तीन दलों (आप, आइवीपी और कांग्रेस) के नेता और चार भाजपा पार्षद शामिल होंगे।
400 करोड़ रुपये का पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
एमसीडी सूत्रों के अनुसार, यदि पांच हजार डीबीसी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया गया तो अन्य विभागों के एमटीएस कर्मचारी भी समान मांग कर सकते हैं, जिससे निगम पर सालाना लगभग 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। कुछ पार्षदों ने बताया कि डीबीसी कर्मचारियों की नियुक्ति अस्थायी आधार पर हुई थी और एमटीएस में शामिल करते समय यह तय किया गया था कि वे वेतन संशोधन की मांग नहीं करेंगे।
सफाई व्यवस्था के लिए 12.5 करोड़, हर वाड्र में 50 नए एलईडी स्ट्रीट लाइटें
महापौर ने बताया कि त्योहारों के मद्देनजर विशेष सफाई व्यवस्था व मरम्मत के कार्य के लिए एमसीडी द्वारा 12.5 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसी तरह प्रत्येक वार्ड में 50 नई एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे नागरिकों को सुरक्षित व सुव्यवस्थित वातावरण मिल सके।
तीन हजार कर्मी होंगे नियमित
एमसीडी में तीन हजार सफाई कर्मियों को नियमित किया जाएगा। ये 23 से 25 वर्ष से अस्थाई सेवा दे रहे हैं। निगम की पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं समिति के अध्यक्ष संदीप कपूर ने बताया कि इससे संबंधित प्रस्ताव सदन की बैठक में पारित हुआ है।
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