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    दिल्ली में जल निकायों का होगा कायाकल्प... 62 तालाबों के पुनर्जीवन को मिली तेजी, DDA को सख्त निर्देश

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 09:03 PM (IST)

    नई दिल्ली जिला प्रशासन ने 62 जल निकायों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में हुई बैठक में DDA, वन विभाग ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली जिला प्रशासन ने 62 जल निकायों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। फाइल फोटो

    लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। नई दिल्ली में जिला प्रशासन ने जल निकायों के संरक्षण, कायाकल्प और सौंदर्यीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाने का फैसला किया है। इस संबंध में नई दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में जिले के भीतर जल निकायों के विकास और पुनर्जीवन के संबंध में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर विस्तार से चर्चा की गई।

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    बैठक में बताया गया कि नई दिल्ली जिले में कुल 62 जल निकाय हैं जो दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। DDA को इन जल निकायों के पुनर्जीवन की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। इसमें सीमांकन, लागत अनुमान और आवश्यक कार्यों को समय पर पूरा करना शामिल है। वन विभाग (I&FC) को भी जहां भी आवश्यक हो, आवश्यक कार्यों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने का निर्देश दिया गया।

    बैठक में यह भी तय किया गया कि I&FC और वन विभाग जल्द ही घिटोरनी और राजोकरी (होली चौक) क्षेत्रों में, जिसमें BSF कैंप क्षेत्र भी शामिल है, जल निकायों पर गाद निकालने और सौंदर्यीकरण का काम शुरू करेंगे। संबंधित विभागों से इस संबंध में जल्द ही कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा गया। दिल्ली छावनी बोर्ड ने बताया कि उसके क्षेत्र में झरेरा और पूर्वी महरौली नगर में स्थित दो जल निकायों का पहले ही कायाकल्प किया जा चुका है। इन जल निकायों को जनता के लिए अधिक उपयोगी बनाने और उन्हें पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया गया।

    इसके अलावा, DDA, I&FC और दिल्ली जल बोर्ड (DJB) सहित सभी भूमि मालिक एजेंसियों को अपने-अपने जल निकायों के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया, जिसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), चारदीवारी, बाड़ लगाने और सौंदर्यीकरण के लिए लागत अनुमान शामिल हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जल निकाय स्वच्छ और सुरक्षित हों।

    बैठक में जिला परियोजना निधि योजना पर भी चर्चा हुई। इस योजना के तहत, सभी विभागों को बुनियादी ढांचे, सामुदायिक सुविधाओं और सामाजिक कल्याण से संबंधित छोटे लेकिन आवश्यक विकास कार्यों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया। बैठक अध्यक्ष को धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुई।