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    राजघाट या आईपी डिपो? 2,000 करोड़ की लागत से बनेगा नया सचिवालय, स्थान चयन पर मंथन जारी

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 09:17 PM (IST)

    दिल्ली में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नया सचिवालय बनाने की योजना है। इसके लिए राजघाट और आईपी डिपो जैसे स्थानों पर विचार किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य एक ऐसा स्थान चुनना है जो सुगम हो और पर्याप्त जगह प्रदान करे, ताकि सचिवालय का निर्माण सुचारू रूप से हो सके।

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    दिल्ली सचिवालय की वर्तमान इमारत।

    वीके शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली सचिवालय भूकंप की दृष्टि से असुरक्षित भवन में चल रहा है। मुख्यमंत्री ने नया सचिवालय बनाने की घोषणा की है, लेकिन इसके लिए स्थान का चयन अभी तक नहीं हो सका है। दो बार स्थान चिन्हित करने के लिए बैठक हो चुकी है। बुधवार को भी इसे लेकर बैठक रखी गई थी, मगर किन्हीं कारणों से स्थगित हो गई। नए सचिवालय के लिए जिन स्थानों पर विचार हो रहा है, उनमें लोक निर्माण विभाग मुख्यालय, राजघाट पर बंद पड़ा थर्मल पावर प्लांट और डीटीसी का आईपी डिपो शामिल है। कुछ अन्य स्थानों पर भी विचार किया जा रहा है।

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    2000 करोड़ से अधिक का खर्च

    नए सचिवालय के निर्माण पर दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होना है। पूर्व की आप सरकार के समय भी पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के स्थान पर सचिवालय बनाने का प्रस्ताव आया था। इसके लिए सलाहकार की नियुक्ति भी हो चुकी थी, लेकिन योजना आगे नहीं बढ़ सकी थी।

    1982 में बना था वर्तमान सचिवालय

    दिल्ली सरकार का सचिवालय जिस 10 मंजिला इमारत में चल रहा है इसे प्लेयर्स बिल्डिंग कहते हैं। इसे 1982 में हुए एशियाई खेलों में आने वाले खिलाड़ियों को ठहराने के लिए बनाया गया था। मगर उस समय यह इमारत तैयार नहीं हो सकी। इसके बाद कई साल तक अधूरी इमारत खड़ी रही। दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार के समय इसका अधूरा काम पूरा कराया गया और यहां सचिवालय स्थानांतरित किया गया।

    अब इमारत हो चुकी है असुरक्षित

    पीडब्ल्यूडी के पूर्व प्रमुख अभियंता दिनेश कुमार कहते हैं कि जब शीला दीक्षित सरकार के समय इस इमारत में सचिवालय स्थानांतरित किया गया था तो उस समय के मानकों के अनुसार इसमें भूकंप की दृष्टि से काम कराया गया था। इस इमारत में रेट्रोफिटिंग की गई थी। मगर अब के हालात के अनुसार बात करेंगे तो इमारत असुरक्षित है।

    अब मानक बदल चुके हैं दिल्ली भूकंप की दृष्टि से सबसे खतरनाक माने जाने वाले जोन-चार में आती है। यह एक उच्च-जोखिम वाला क्षेत्र है। इसे देखते हुए दिल्ली की भाजपा सरकार ने अपना नया सचिवालय 35 मंजिला इमारत में बनाने की योजना बनाई है। मगर सरकार तय नहीं कर पा रही है इसे कहां बनाया जाए।

    विस्तार देने का क्या है कारण?

    नई सरकार चाहती है कि सचिवालय को इस तरह विस्तार दिया जाए कि सभी प्रमुख विभाग कम से कम एक छत के नीचे आ सकें। अभी तक स्थिति है कि दिल्ली के तमाम विभाग इधर-उधर फैले हुए हैं, अगर अचानक मुख्यमंत्री को कोई बैठक भी बुलानी पड़ जाए तो सभी अधिकारियों को बुलाने में ही एक से डेढ़ घंटे लग जाएंगे।

    आईपी डिपो

    वर्तमान सरकार जिन प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है इनमें तीन स्थान प्रमुखता से शामिल हैं। आईपी डिपो को बसों को लगभग बंद किया जा चुका है। डिपो में इतनी पर्याप्त जगह है कि यहां पर सचिवालय बनाया जा सकता है। इस कार्य के लिए जमीन का लैंडयूज बदलना पड़ेगा। जिसके लिए डीडीए से मंजूरी लेनी होगी। मगर यह कार्य इस समय कठिन नहीं है। दिल्ली और केंद्र में भाजपा की सरकार होने से इस कार्य को आसानी से कराया जा सकता है। दिल्ली सरकार इस समय इस जमीन पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह प्राइम लोकेशन पर स्थित जमीन है जो डीटीसी मुख्यालय के बिल्कुल बगल में है और रिंग रोड पर स्थित है।

    राजघाट थर्मल पावर प्लांट

    वर्षों से बंद पड़े राजघाट पावर प्लांट की जमीन भी इतनी पर्याप्त है कि जहां पर दिल्ली सचिवालय बनाया जा सकता है और 35 महिला इमारत बनाकर तमाम विभाग एक छत के नीचे आ सकते हैं। इस पर भी दिल्ली सरकार गंभीरता से विचार कर रही है इसमें भी डीडीए की जमीन शामिल है और दिल्ली सरकार का भी कुछ हिस्सा है।

    पीडब्ल्यूडी मुख्यालय

    तीसरे नंबर पर लोक निर्माण विभाग मुख्यालय की जमीन की भी बात हो रही है। क्योंकि इस जमीन को लेकर ज्यादा झंझट नहीं है। दरअसल यहां दो टावर बनाए जाने की बात हो रही है। जिनमें एक टावर पीडब्ल्यूडी मुख्यालय की जमीन पर और दूसरा आबकारी विभाग परिसर में बनाए जाने की बात हो रही है।

    दरअसल, यह दोनों जमीनें दिल्ली सरकार के पास है और यहां पर जमीन को लेकर किसी तरह की अड़चन सामने नहीं आ रही है। दिल्ली की पूर्व आप सरकार के समय इस पीडब्ल्यूडी मुख्यालय के स्थान पर दिल्ली सचिवालय बनाने की योजना बनी थी यहां पर भी उस समय 30 मंजिला इमारत बनाई जाने की योजना थी।

    इसमें पीडब्ल्यूडी मुख्यालय और जीएसटी मुख्यालय दिल्ली जीएसटी मुख्यालय की इमारत को तोड़कर न्याय सचिवालय बनाए जाने का प्रस्ताव था।

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