Delhi Stampede : 'कोई दुर्घटना नहीं बल्कि नरसंहार', युवा कांग्रेस ने प्रदर्शन कर मोदी सरकार से की ये मांग
बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन रायसीना रोड पर हुआ। जहां से कार्यकर्ता रेल मंत्रालय जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बैरिकेड्स लगाकर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत और 25 से अधिक लोगों के घायल होने के मामले में युवा कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की।
भगदड़ कोई दुर्घटना नहीं बल्कि नरसंहार
बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन रायसीना रोड पर हुआ। जहां से कार्यकर्ता रेल मंत्रालय जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया। ऐसे में कार्यकर्ता बैरिकेड्स पर चढ़ गए। जिन्हें बाद में सुरक्षा बलों ने हटा दिया।

इस मौके पर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ कोई दुर्घटना नहीं बल्कि "नरसंहार" है।

उन्होंने कहा कि वहां का दृश्य दिल दहला देने वाला था, रेलवे प्रशासन की नाकामी के कारण आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 18 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई, जिसमें नौ महिलाएं, चार पुरुष और पांच बच्चे शामिल थे।
'इस नरसंहार का जिम्मेदार कौन है?'
युवा नेता ने कहा कि श्रद्धालुओं के इस नरसंहार का जिम्मेदार कौन है? इतने बड़े हादसे के बाद भी यह नैरेटिव बनाया गया कि सब कुछ नियंत्रण में है। जब भगदड़ में लोग मर रहे थे, तब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौतों के आंकड़े छिपाने में व्यस्त थे। उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, उन्हें जल्द ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
'यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी?'
प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष अक्षय लकड़ा ने कहा कि सरकार ने विज्ञापन देकर लोगों को कुंभ में आमंत्रित किया। ऐसे में जब लोग कुंभ जा रहे हैं तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? जिन लोगों की जान गई है, वे हमारे अपने लोग हैं। उनकी परेशानी यह है कि वे हवाई जहाज से नहीं जा सकते। वे 47 हजार रुपये का टिकट नहीं खरीद सकते।
'मोदी सरकार रेल मंत्री को बर्खास्त करें'
आस्था के पर्व महाकुंभ में जाने के लिए जनता सरकार से उम्मीद करती है कि उनके लिए परिवहन की समुचित व्यवस्था हो, पुलिस प्रशासन तैनात हो, भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था हो। लेकिन अगर सरकार जनता के लिए ऐसी व्यवस्था नहीं कर सकती तो ये लोग सत्ता में क्यों बैठे हैं?
उन्होंने कहा कि इस मामले में मोदी सरकार को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए क्योंकि आम भारतीय को ऐसे रेल मंत्री के रहमोकरम पर नहीं छोड़ा जा सकता।
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