Year Ender 2019: DMRC ने दिखाई विकास की झलक, तीन कॉरिडोर पर मेट्रो ने भरी रफ्तार
डीएमआरसी को इस साल मध्य प्रदेश के रीवा से सौर ऊर्जा मिलनी शुरू हुई। इससे 18 अप्रैल से सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पहली मेट्रो चली।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वातानुकूलित परिवहन सुविधा उपलब्ध कराकर राजधानी और एनसीआर की लाइफलाइन बनी दिल्ली मेट्रो ने परिचालन के 17 साल पूरे कर लिए हैं। 25 दिसंबर को मेट्रो परिचालन के लिहाज से 18वें साल में प्रवेश कर रही है। इसके मद्देनजर डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) ने मेट्रो के विकास की झलक प्रस्तुत की है। वैसे तो मेट्रो ने इस साल भी कई उपलब्धियां हासिल कीं।
मेट्रो नेटवर्क के लिहाज से अहम बात यह है कि इस साल तीन नए कॉरिडोर पर मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ। इससे मेट्रो के नेटवर्क में 20.59 किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई। इससे नजफगढ़ तक मेट्रो की पहुंच हुई। जिससे नजफगढ़ के अलावा आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों के लिए आवागमन आसान हुआ। साथ ही गाजियाबाद नया बस अड्डा भी मेट्रो नेटवर्क से जुड़ा।
दिलशाद गार्डन-शहीद स्थल कॉरिडोर पर परिचालन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ मार्च को दिलशाद गार्डन-शहीद स्थल (गाजियाबाद नया बस अड्डा) कॉरिडोर पर परिचालन का शुभारंभ किया। इसकी लंबाई 9.63 किलोमीटर है। यह रेड लाइन (रिठाला-दिलशाद गार्डन) का विस्तार है। इससे रिठाला व रोहिणी से सीधे गाजियाबाद तक आवागमन की सुविधा हो गई है। नौ मार्च को नोएडा सिटी सेंटर से इलेक्ट्रॉनिक सिटी के बीच परिचालन शुरू हुआ है। 6.67 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर ब्लू लाइन का हिस्सा है। वहीं चार अक्टूबर को द्वारका-नजफगढ़ कॉरिडोर पर मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ। इस कॉरिडोर की लंबाई 4.29 किलोमीटर है। दिल्ली मेट्रो ने अक्टूबर में गुरुग्राम के रैपिड रेल के परिचालन की भी जिम्मेदारी संभाली। इससे मेट्रो का नेटवर्क 353.81 किलोमीटर से बढ़कर करीब 389 किलोमीटर हो गया।
सौर ऊर्जा से मेट्रो का शुरू हुआ परिचालन
डीएमआरसी को इस साल मध्य प्रदेश के रीवा से सौर ऊर्जा मिलनी शुरू हुई। इससे 18 अप्रैल से सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पहली मेट्रो चली। इसमें डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने भी सफर किया था। रीवा सोलर पावर परियोजना से डीएमआरसी को 345 मिलियन यूनिट सोलर बिजली मिलेगी। इसके अलावा डीएमआरसी ने स्टेशनों व मेट्रो डिपो में भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए हैं।
फुटओवर ब्रिज से जुड़े पिंक व एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन
पिंक लाइन के साउथ कैंपस मेट्रो स्टेशन व एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के धौलाकुआं के बीच मेट्रो का सबसे बड़ा फुटओवर ब्रिज बनाया गया है। इसकी शुरुआत नौ फरवरी को हुई। इसकी लंबाई करीब 900 मीटर है, जिसमें 22 ट्रेवलेटर इस्तेमाल किए गए हैं।
पंजाबी बाग में मेट्रो बदलने को मुफ्त में मिलेगी ई-बस सेवा
पंजाबी बाग में ग्रीन लाइन व पिंक लाइन के स्टेशन के बीच एक इलेक्ट्रिक बस मेट्रो फीडर के रूप में चलेगी। इसका मकसद यात्रियों को पंजाबी बाग में मेट्रो इंटरचेंज की सुविधा उपलब्ध कराना है। ताकि, ग्रीन लाइन के स्टेशन पर उतरकर पिंक लाइन की मेट्रो पकड़ने के इच्छुक लोग आसानी से दूसरे स्टेशन पर पहुंच सकें। मेट्रो बदलने वाले यात्री फीडर बस में निशुल्क सफर कर सकेंगे। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का कहना है कि यह सुविधा जल्द शुरू होगी।
दरअसल, ग्रीन लाइन (कीर्ति नगर-इंद्रलोक-बल्लभगढ़) पर पंजाबी बाग स्टेशन है। वहीं पिंक लाइन (मजलिस पार्क-शिव विहार) पर पंजाबी बाग वेस्ट मेट्रो स्टेशन है। ये दोनों स्टेशन थोड़ी दूरी पर हैं। इस वजह से पंजाबी बाग में अभी तक इंटरचेंज की सुविधा नहीं है। यही वजह है कि यात्रियों को इंटरचेंज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना है। इसके लिए एक निजी कंपनी प्रचार प्रसार के तौर पर डीएमआरसी को इलेक्ट्रिक-बस उपलब्ध कराएगी। इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसमें 32 सीटें उपलब्ध होंगी।
पंजाबी बाग चौराहे के नजदीक हॉलिंटिंग स्टेशन बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसका इस्तेमाल सिर्फ मेट्रो बदलने के लिए किया जाएगा। इसके लिए करीब 230 मीटर का फुटओवर ब्रिज (वॉक-वे) भी बनेगा, जो हॉलिंटिंग स्टेशन से पिंक लाइन के पंजाबी बाग वेस्ट मेट्रो स्टेशन के साथ जुड़ा होगा।
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