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Year Ender 2019: महिला सुरक्षा में साल भर जुटी रही सरकार और पुलिस, आखिर में फूटा गुस्सा

दिल्ली सरकार की तरफ से महिलाओं को सुरक्षित सफर देने के उद्देश्य से बसों में एक बार फिर से मार्शल की तैनाती की गई।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 09:33 AM (IST)
Year Ender 2019: महिला सुरक्षा में साल भर जुटी रही सरकार और पुलिस, आखिर में फूटा गुस्सा
Year Ender 2019: महिला सुरक्षा में साल भर जुटी रही सरकार और पुलिस, आखिर में फूटा गुस्सा

नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। पुलिस और दिल्ली सरकार की तरफ से महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन फिलहाल ये नाकाफी दिखाई दे रहे हैं। महिला अपराधों को लेकर वर्ष खत्म होते-होते लोगों का गुस्सा दिल्ली की सड़कों पर देखा गया। हालांकि दिल्ली में महिलाओं को फ्री बस सुविधा दिए जाने के साथ उनकी सुरक्षा व सुविधा के लिए पैनिक बटन और मार्शल की तैनाती की गई।

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दिल्ली पुलिस में भी महिला पुलिस बल की संख्या बढ़ी। दिल्ली पुलिस की तरफ से करीब 50 सुविधाओं से लैस मोबाइल एप तत्पर लांच किया गया। दिल्ली सरकार की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने और सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी की व्यवस्था को बढ़ाने के लिए एक लाख 40 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।

पैनिक बटन से लैस बसें उतरी सड़कों पर

दिल्ली सरकार की योजना के तहत चार हजार 300 पैनिक बटन से लैस बसों को सड़कों पर उतारा जाना है। इस वर्ष में अब तक 429 बसें सड़कों पर उतार भी दी गई हैं। इस पैनिक बटन के जरिये बस में सवार महिला या कोई भी व्यक्ति किसी भी आपात स्थिति में पुलिस की मदद ले सकता है।

बसों में तैनात किए गए मार्शल

दिल्ली सरकार की तरफ से महिलाओं को सुरक्षित सफर देने के उद्देश्य से बसों में एक बार फिर से मार्शल की तैनाती की गई। इस समय दिल्ली में संचालित डीटीसी और क्लस्टर बसों में 13 हजार मार्शल तैनात हैं। इनके वेतन का भुगतान भी दिल्ली सरकार की तरफ से किया जा रहा है। वहीं बसों में लगे डिस्प्ले बोर्ड पर लगातार दिखाया जाता है कि इस बस में मार्शल तैनात है। दिल्ली सरकार की इस योजना के बाद बसों में महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं कम हुई हैं।

महिलाओं को बसों में फ्री सफर

दिल्ली सरकार की तरफ से महिलाओं को बसों में फ्री सफर का तोहफा दिया गया है। महिलाओं को मेट्रो में भी बिना शुल्क दिए सफर की सुविधा दिए जाने का प्रयास दिल्ली सरकार की तरफ से किया गया, हालांकि यह अब तक फलीभूत नहीं हो सका है।

दिल्ली पुलिस में बढ़ी महिला शक्ति

दिल्ली पुलिस में महिला पुलिस बल बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने मार्च 2015 को गैर-राजपत्रित पदों पर सीधी भर्ती में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी थी। इसके तहत कांस्टेबल से उप-निरीक्षक तक के पदों पर भर्ती की जानी थी। इसके बाद 2,624 महिलाएं पुलिस बल में शामिल की गईं और 441 महिला कर्मियों को जून 2019 तक बुनियादी प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 30 जून, 2019 को दिल्ली पुलिस में कुल 80 हजार 115 पुलिसकर्मी थे। इसमें से 9,341 महिलाएं हैं।

हजारों छात्रओं और महिलाओं को दिया आत्मरक्षा का प्रशिक्षण

स्पेशल पुलिस यूनिट ऑफ वूमेन एंड चिल्ड्रेन का गठन 2002 में दिल्ली पुलिस ने किया था। 2019 में एक हजार से अधिक कार्यक्रमों के तहत करीब साढ़े तीन लाख छात्रएं, युवतियां व महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया।

तत्पर

दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2019 में डिजिटल पहल की। पुलिस की सभी वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन को तत्पर एप में शामिल किया गया है। 50 से अधिक सेवाओं को एक टच के जरिये प्रयोग किया जा सकता है।

स्कूटी से गश्त करती है महिला पुलिस की विशेष टुकड़ी

उत्तर-पूर्वी जिले में पुलिस ने 16 महिला सिपाहियों की यह खास पेट्रोलिंग टीम बनाई है। ये सिपाही गुलाबी रंग की 8 स्कूटी पर सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5 बजे से 7 बजे तक पेट्रोलिंग करती हैं। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर महिला पुलिस की इस टीम को महिला सुरक्षा से जुड़े अन्य मामलों में भी सक्रिय रखा जाता है।

महिला आयोग की अध्यक्ष ने की भूख हड़ताल

हैदराबाद में दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहंिदू ने तीन दिसंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी। 13 दिन भूख हड़ताल पर बैठे रहने के कारण उनकी तबियत काफी खराब हो गई। उन्हें जबरन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें 17 दिसंबर को छुट्टी दी गई थी।

बता दें कि स्वाति जयहिंद ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर निर्भया के दोषियों को फांसी देने की अपील भी है। 


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