मनमोहन सरकार के अनुरोध पर PAK में हाफिज सईद समेत कई अन्य आतंकियों से की थी मुलाकात, यासीन मलिक का दावा
यासीन मलिक ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि वह आतंकवादी नहीं हैं। वीपी सिंह से लेकर मनमोहन सिंह तक की छह सरकारों ने कश्मीर में शांति के लिए उनसे बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बैठकों को गलत तरीके से पेश किया गया। मलिक ने कहा कि अजीत डोवाल ने जेल में उनसे मुलाकात की थी ताकि वाजपेयी सरकार की शांति प्रक्रिया में रुचि दिखाई जा सके।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आतंकी यासीन मलिक ने कुबूल किया है कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिस सईद सहित अन्य आतंकियों से मुलाकात के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसका आभार व्यक्त किया था।
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामा में किए गए सनसनीखेज दावों से जुड़े कुछ दस्तावेज इंटरनेट मीडिया पर साझा करते हुए भाजपा आईटी सेल प्रमुख ने कांग्रेस पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने लिखा कि मलिक ने हलफनामा में कहा है कि आईबी अधिकारियों ने उसे 2006 में पाकिस्तान में हाफिज सईद से मिलने के लिए कहा था और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसने मिलने पर गुप्त शांति वार्ता में मलिक की भूमिका के लिए उसे धन्यवाद दिया था।
मालविया ने उक्त तथ्यों को चौंकाने वाला बताते हुए कहा कि अगर मलिक द्वारा किए गए दावे सच हैं तो ये यूपीए सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा और गुप्त कूटनीति से निपटने के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। यासीन मलिक ने सीलबंद लिफाफे में यह जवाब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की अपील याचिका पर दाखिल किया है।
हालांकि, अदालत ने सीलबंद लिफाफे के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए थे। एनआईए ने उम्रकैद की सजा को मौत में बदलने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। मामले पर अगली सुनवाई 10 नवंबर के लिए तय है।
विस्तृत हलफनामा में यासीन मलिक ने दावा किया है कि 2006 में तत्कालीन खुफिया ब्यूरो (आईबी) के विशेष निदेशक वीके जोशी के अनुरोध पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हाफिज सईद और अन्य आतंकवादियों से मुलाकात की थी।
इस बैठक से भारत लौटने के बाद मैंने मनमोहन सिंह व तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एनके नारायणन से मुलाकात की थी। इस दौरान मनमोहन सिंह ने मेरे प्रयासों और समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया था।
मलिक ने यह भी दावा किया कि 1990 में उसकी गिरफ्तारी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह से लेकर मनमोहन सिंह तक लगातार छह सरकारों ने कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने और इसे सुलझाने के लिए उससे संपर्क किया था।
मलिक दावा किया कि आईबी विशेष निदेशक वीके जोशी के अनुरोध पर ही पाक आतंकियों से हुई उसकी बैठक को उसके खिलाफ एक अलग संदर्भ में चित्रित किया गया।
उसने यह भी कहा कि 2006 में मनमोहन सिंह ने उसे औपचारिक बातचीत के लिए दिल्ली आमंत्रित कर कहा था कि वह कश्मीर मुद्दे को सुलझाना चाहते हैं।
सूत्रों के अनुसार यासीन मलिक ने यह भी दावा किया कि उससे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, उनके सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी मुलाकात की थी।
ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत ने 24 मई 2022 को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा-120 बी (आपराधिक साजिश), 121-ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश) के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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