Delhi High Court : आतंकी यासीन भटकल और तीन अन्य आरोपितों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से अदालत में करें पेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी यासीन भटकल समेत तीन अन्य आरोपितों की ओर से दायर याचिका पर कहा कि मुकदमे में देरी की चिंता निराधार नहीं है पर सुरक्षा भी जरूरी है। भटकल व अन्य आरोपितों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: तिहाड़ जेल से बाहर निकलने पर प्रतिबंध के केंद्र सरकार के निर्देश को चुनौती देने वाले इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी यासीन भटकल सहित तीन अन्य आरोपितों की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम निर्देश दिया है। इन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश करने का निर्देश दिया गया है।
न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की ओर से मुकदमे में देरी को लेकर उठाई गई चिंताएं निराधार नहीं हैं, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि अदालत की सुरक्षा पर बिना वजह बोझ न डाला जाए। अदालत ने निर्देश दिया कि यासीन भटकल सहित अन्य आरोपितों को दिल्ली या देश के किसी अन्य हिस्से में ट्रायल कोर्ट के समक्ष वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया जाए।
अदालत ने यह आदेश इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों असदुल्लाह अख्तर, जिया-उर-रहमान, तहसीन अख्तर और अहमद सिद्दीबप्पा उर्फ यासीन भटकल की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में आरोपितों ने तिहाड़ जेल से बाहर निकलने पर रोक लगाने के आदेश को रद करने की मांग की थी।
NIA ने कहा, जेल से बाहर लाने पर सुरक्षा इंतजाम करने होते हैं, इससे खर्च बढ़ता है
आरोपितों ने कहा कि शारीरिक तौर पर पेश नहीं होने के कारण कोर्ट की कार्यवाही में देरी हो रही है। वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता की सुरक्षा के लिए आवश्यक इंतजाम करने होते हैं और इससे खर्च भी बढ़ता है।
तेलांगना कोर्ट में डाली गई याचिका की जा चुकी है खारिज
याचिकाकर्ताओं ने 2023 में दायर अपनी याचिका में मांग की थी कि उन्हें दिल्ली की जेल से बाहर निकालकर हैदराबाद की सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया जाए, क्योंकि उनकी अपील तेलंगाना हाई कोर्ट में लंबित है।
हालांकि, पीठ को सूचित किया गया कि इस याचिका के लंबित रहने के दौरान, तेलंगाना हाई कोर्ट ने आठ अप्रैल 2025 को 2013 के दिलसुखनगर विस्फोट मामले में उन्हें दी गई मौत की सजा के खिलाफ चार आरोपितों की अपील को खारिज कर दिया है।
इस पर पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी, जब तक कि ट्रायल कोर्ट द्वारा किसी विशेष उद्देश्य के लिए उनकी शारीरिक उपस्थिति को अनिवार्य न किया गया हो।
NIA के वकील ने कहा कि वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि मुकदमे की कार्यवाही बिना किसी देरी के आगे बढ़ सके।
भटकल व अख्तर को 2013 और तहसीन व रहमान को 2014 में पकड़ा गया था
सितंबर 2012 में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार इंडियन मुजाहिदीन के स्लीपर सेल अन्य लोगों के साथ मिलकर भारत में दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर बम विस्फोट करने की तैयारी की साजिश रच रहे थे। भटकल और असदुल्ला अख्तर को 29 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया गया था, जबकि तहसीन अख्तर और रहमान को पांच मई 2014 को गिरफ्तार किया गया था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।