दिल्ली में यमुना का जल स्तर जाएगा 206 मीटर के पार ! सोमवार को छह बार में छोड़ा गया 18 लाख क्यूसेक पानी
उत्तरी भारत में भारी बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर दिल्ली में बढ़ रहा है। हरियाणा के हथनी कुंड से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। निचले इलाकों में रहने वालों को राहत शिविरों में जाने की सलाह दी गई है। सरकार ने निगरानी बढ़ा दी है और लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तरी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हो रही मूसलधार वर्षा से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। पिछले एक पखवाड़े में दिल्ली में यमुना का पानी तीन बार खतरे के निशान को पार कर चुका है।
अभी भी यह चेतावनी स्तर के ऊपर है परंतु, सोमवार को हरियाणा के हथनी कुंड से प्रति घंटे तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से राजधानी में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने का खतरा बढ़ गया है।
सुबह नौ बजे अधिकतम 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे देर रात या मंगलवार सुबह तक दिल्ली में यमुना के खतरे के निशान को पार करने की संभावना है।
इससे पहले 11 जुलाई को 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे लोहा पुल के पास यमुना का स्तर रिकार्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था।
आईटीओ सहित दिल्ली के कई क्षेत्रों में एक सप्ताह तक पानी भरा रहा था। इसे ध्यान में रखकर सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है। निचले क्षेत्रों में रहने वालों को राहत शिविर में जाने को कहा जा रहा है।
हथनी कुंड से सोमवार सुबह से ही तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। एक क्यूसेक प्रति सेकंड एक घन फुट पानी के प्रवाह को मापता है, जो लगभग 28.317 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है।
इसका असर मंगलवार सुबह तक दिल्ली में दिखेगा। अभी लोहा पुल के पास यमुना का जलस्तर 205 मीटर से नीचे है। इसे ध्यान में रखकर सतर्कता बढ़ा दी गई है।
दिल्ली सरकार के केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण केंद्र के प्रभारी ने भी बाढ़ की चेतावनी जारी कर सभी सेक्टर अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और पुलिस को यमुना के किनारों पर गश्त बढ़ाने को कहा है। कहा गया है कि शीघ्र ही लोहा पुल पर पानी का स्तर 206.50 मीटर के ऊपर पहुंच सकता है।
जुलाई 2023 में आईटीओ सहित कई क्षेत्रों में भर गया था पानी
जुलाई, 2023 में आइटीओ बैराज के 32 में से पांच गेट नहीं खुले थे। ड्रेन नंबर 12 का रेगुलेटर भी टूट गया था जिससे यमुना का पानी आईटीओ के आसपास के क्षेत्रों में फैल गया था। यमुना में पानी बढ़ने के कारण दिल्ली के नालों के गेट बंद करने पड़े थे। इससे भी परेशानी बढ़ गई थी।
आईटीओ क्षेत्र, राजघाट के साथ यमुना खादर में स्थित गढी मांडू गांव, पुराना उस्मानपुर गांव के साथ ही कश्मीरी गेट के नजदीक यमुना बाजार और मोनास्ट्री मार्केट, रिंग रोड पर मजनू का टीला, बदरपुर विधानसभा क्षेत्र के जैतपुर विश्वकर्मा कालोनी, आइटीओ क्षेत्र, राजघाट के साथ ही कई क्षेत्रों में पानी भर गया था।
खुले हैं आईटीओ बैराज के सभी गेट
पिछले दिनों यमुना के खतरे के निशान को पार करने पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने निचले क्षेत्रों का निरीक्षण किया था। उन्होंने दावा किया था कि बाढ़ रोकथाम के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने भी इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन व विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यालय के नजदीक ड्रेन नंबर 12 के रेगुलेटर का निरीक्षण किया था।
उनका कहना है कि आईटीओ बैराज के सभी गेट खुले हुए हैं। वर्ष 2023 की तरह इस बार कोई गेट बंद नहीं है, जिससे जलप्रवाह में कोई रुकावट नहीं आ रही है।
दिल्ली सरकार की तैयारी
- निचले क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मुनादी कराई जा रही है।
- लोहा पुल से शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन जाने वाले मार्ग, मयूर विहार, आइटीओ पुल के नजदीक राहत शिविर तैयार किए गए हैं।
- मुख्य निगरानी कक्ष के साथ ही 14 अन्य स्थानों पर 24x7 घंटे काम करने वाला निगरानी केंद्र तैयार किया गया है।
- सभी बैराज, रेगुलेटर, पंपिंग स्टेशनों और जल निकासी प्रणालियों की निगरानी की जा रही है।
- 14 स्थानों पर बोट, जरूरी उपकरण, स्वास्थ्यकर्मी और गोताखोर के साथ अलग-अलग स्थानों पर टीम तैनात की गई। बाढ़ नियंत्रण विभाग के कर्मचारी बोट से पल्ला से जैतपुर तक यमुना खादर की निगरानी कर रहे हैं।
हथनी कुंड से सबसे अधिक 2013 में छोड़ा गया था पानी
यमुना के जलस्तर का सीधा संबंध हथनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी से है। पूर्व के वर्षों में भी यहां से छोड़े गए बड़ी मात्रा में पानी से दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
- 1978: 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे दिल्ली में यमुना का जल स्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था।
- 2010: 7.44 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे जलस्तर 207.11 मीटर तक पहुंचा था।
- 2013: 8.06 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिससे जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंचा था।
- 2023: 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया और उस समय यमुना का स्तर रिकार्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था।
सोमवार को छोड़ा गया पानी और दिल्ली में यमुना का जल स्तर
- सुबह 5 बजे 210359 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 205.07 मीटर पहुंच गया।
- सुबह7 बजे 272642 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 205.02 मीटर पहुंच गया।
- सुबह 9 बजे 329309 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 204.95 मीटर पहुंच गया।
- पूर्वाह्न 11 बजे 319363 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 204.80 मीटर पहुंच गया।
- दोपहर 1 बजे 323176 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 204.82 मीटर पहुंच गया।
- अपराह्न 3 बजे 323176 क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जल स्तर 204.88 मीटर पहुंच गया।
हथनी कुंड से तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। सभी सेक्टर अधिकारियों, जिला प्रशासन व दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यमुना खादर में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यमुना किनारे 24 घंटे गश्त शुरू की गई है। नालों के रेगुलेटर और पंपों पर लगातार नजर रखी जा रही है। हर नागरिक को आश्वस्त करना चाहता हूं कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार पूरी तरह से अलर्ट पर है। नागरिकों को सतर्क रहने अधिकारियों को पूरा सहयोग देने का आग्रह है।
- प्रवेश वर्मा (दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री)
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