Yamuna Riverfront: बस इतने दिनों बाद यमुना किनारे सैर कर सकेंगे दिल्लीवासी, 11 में से 6 प्रोजेक्ट पूरी तरह तैयार
यमुना रिवरफ्रंट परियोजना से दिल्ली के निवासियों को यमुना नदी के किनारे सैर करने का मौका मिलेगा। 11 परियोजनाओं में से 6 पूरी तरह से तैयार हैं और बाकी 10 से 11 महीने में पूरी हो जाएंगी। रिवरफ्रंट से जुड़ी सभी परियोजनाएं यमुना के 1700 हेक्टेयर डूब क्षेत्र में विकसित की जा रही हैं। इस बात पर विचार किया गया कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटता-बढ़ता रहता है।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। राजधानी में यमुना को प्रदूषण मुक्त होने में भले ही दो से तीन साल लग जाएं, लेकिन यमुना रिवरफ्रंट एक साल के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा। खास बात यह है कि रिवरफ्रंट न सिर्फ नदी के पूरे हिस्से को कवर करेगा, बल्कि अपने आप में कई आकर्षण भी समेटे होगा।
अगर भविष्य में यह रिवरफ्रंट राजधानी के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय हो जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
करीब 62 एकड़ जमीन पर बनेगा रिवरफ्रंट
जानकारी के अनुसार, पिछले साल जुलाई में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने मिलेनियम डिपो की करीब 62 एकड़ जमीन पर रिवरफ्रंट बनाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) आमंत्रित किया था। कंसल्टेंट नियुक्त करने और डीपीआर तैयार करने के बाद इस प्रोजेक्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर लागू किया जाना था। लेकिन बाद में एक उच्च स्तरीय बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटता-बढ़ता रहता है।
इसलिए एक ही जगह रिवरफ्रंट बनाने से ज्यादा फायदा नहीं होगा। बेहतर है कि दिल्ली में वजीराबाद से ओखला तक यमुना के पूरे 22 किलोमीटर लंबे हिस्से को रिवरफ्रंट के तौर पर विकसित किया जाए। इससे आमजन को यमुना के करीब लाना भी संभव होगा और उन्हें प्रदूषण मुक्त व अविरल यमुना के प्रति जागरूक व संवेदनशील भी बनाया जा सकेगा।
11 परियोजनाओं में से छह लगभग तैयार
राजनिवास अधिकारियों के अनुसार इसी सोच के साथ यमुना से जुड़ी सभी 11 परियोजनाओं को रिवरफ्रंट से जोड़ा गया है। इनमें 10 परियोजनाएं ऐसी हैं जो 26 मई 2022 को वीके सक्सेना के दिल्ली के एलजी और डीडीए के चेयरमैन बनने के बाद ही शुरू हुई हैं। कुल 11 परियोजनाओं में से छह लगभग तैयार हो चुकी हैं जबकि बाकी 10 से 11 महीने में पूरी हो जाएंगी।
राजनिवास के अधिकारियों ने बताया कि इन 11 परियोजनाओं से यमुना के दोनों किनारों को इस तरह विकसित किया जाएगा कि न केवल राजधानी बल्कि एनसीआर और आसपास के अन्य शहरों से भी लोग यहां घूमने आएंगे।इस पूरे हिस्से में सारा निर्माण कार्य कंक्रीट का इस्तेमाल किए बिना संगमरमर, पत्थर, रेत-बजरी, बांस और लोहे आदि का इस्तेमाल करके किया जा रहा है।
यमुना रिवरफ्रंट से जुड़ी 11 परियोजनाएं और उनकी स्थिति
1. यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क - तैयार
2. असिता ईस्ट - तैयार
3. बांसरा पार्क - तैयार
4. यमुना वाटिका - तैयार
5. अमृत उद्यान - तैयार
6. वासुदेव घाट - तैयार
7. कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क - कार्य प्रगति पर
8. यमुना वनस्थली - कार्य प्रगति पर
9. मयूर नेचर पार्क - लगभग तैयार
10. हिंडन सरोवर - कार्य प्रगति पर
11. मिलेनियम इको टूरिज्म - कार्य प्रगति पर
रिवरफ्रंट से जुड़ी सभी परियोजनाएं यमुना के 1700 हेक्टेयर डूब क्षेत्र में विकसित की जा रही हैं। इन परियोजनाओं पर अब तक 220 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। करीब 70 से 80 करोड़ रुपये और खर्च होने की उम्मीद है।
मिलेनियम डिपो की जमीन पर भी तेजी से चल रहा काम
सराय काले खां के पास मिलेनियम डिपो की जमीन पर भी तेजी से काम चल रहा है। छोटे-छोटे टेंट लगाकर हस्तशिल्प, ऑर्गेनिक और खाने-पीने का सामान मिलेगा, वहीं सेंट्रल पियाजा और टोपेरी पार्क के साथ बांस का पुल भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। लॉन और दो बड़ी पार्किंग भी तैयार की जा रही हैं।
पीपीपी मॉडल की जगह डीडीए ने खुद ही संभाली कमान
एलजी के निर्देशन में डीडीए खुद ही उपरोक्त सभी प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगा हुआ है। हालांकि पहले पीपीपी मॉडल पर काम करने का विचार था, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया।
डीडीए अधिकारियों का कहना है कि यमुना की आरती शुरू हो गई है, नदी की सफाई का काम भी चल रहा है और रिवरफ्रंट भी तेजी से तैयार हो रहा है। नदी में क्रूज चलाने के लिए एमओयू भी साइन हो चुका है। आने वाले समय में यमुना का नजारा वाकई देखने लायक होगा।
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