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    Yamuna river water level : घटा यमुना नदी का जलस्तर, निगम बोध घाट के लोगों ने ली राहत की सांस

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 03:32 PM (IST)

    दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर घटने से तट के पास रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली। निगम बोध गया क्षेत्र में लोगों ने तैराकी का आनंद लिया। पहाड़ों पर बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने की आशंका अभी भी बनी हुई है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण यमुना में जलस्तर बढ़ रहा है जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

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    बारिश को देखकर आशंका है कि देश की राजधानी दिल्ली बाढ़ के मुहाने पर अब भी है।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यमुना नदी का पानी का जलस्तर रविवार को कम हो गया। इससे दिल्ली के उन स्थानों पर रह रहे लोगों ने राहत की सांस ली जो यमुना नदी के तट के समीप रहते हैं। विशेषकर निगम बोध गया क्षेत्र के लोगों ने यमुना के घटे जलस्तर और बारिश के मौसम का लुत्फ लेते हुए जमकर तैराकी की। बीते शनिवार को यमुना नदी का पानी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा था। खतरे के निशान को पार करती पानी की धारा को देख प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई थीं। हालांकि, पहाड़ों पर हो रही बारिश को देखकर आशंका है कि देश की राजधानी दिल्ली बाढ़ के मुहाने पर अब भी है।

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    क्यों बेतहाशा बढ़ रही यमुना की धार

    जान जोखिम में डालकर शास्त्री पार्क लोहे के पुल के पास यमुना किनारे रह रहे लोगों की सुरक्षा करना भी एक बड़ी चुनौती है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण यमुना में जलस्तर बढ़ रहा है और हथिनीकुंड से पानी छोड़े जाने से स्थिति और गंभीर हो गई है। ऐसे में निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने चेतावनी जारी कर लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। मगर रविवार को घटे हुए जलस्तर को देखने के बाद तो सारा नजारा ही बदल गया।

    प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती

    फिर दिल्ली प्रशासन हर स्थिति पर कड़ी नजर टिकाए हुए है। हालांकि, निगमबोध घाट के पास बने घाटों पर बने घरों से पानी थोड़ा ही नीचे है। ऐसे में अगर पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो घरों तक पानी पहुंचने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा। यह प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। 

    कैसे मापा जाता है यमुना में खतरे का निशान

    गौरतलब है कि दिल्ली के लिए यमुना का खतरनाक जलस्तर 204.50 मीटर माना जाता है। वहीं, खतरे का निशान 205.33 मीटर है और निकासी 205.33 मीटर पर माना गया है। यमुना में एक पुराना रेल पुल है जो कि खतरे के निशान का सूचक है। यही दिल्ली में बाढ़ के आने और न आने का मापक है। अगर पानी पुल की निर्धारित ऊंचाई को छू लेता है तो दिल्ली में बाढ़ आने की पूरी संभावना हो जाती है। यमुना का जलस्तर अब उसी निशान के इर्द-गिर्द बना हुआ है, जो सबकी धड़कनें बढ़ाए हुए है। 

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