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    बाढ़ के मुहाने पर दिल्ली, तेजी से बढ़ रहा यमुना का जलस्तर; निगम बोध घाट के पास पहुंचा पानी

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 06:08 PM (IST)

    दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने से स्थिति गंभीर हो गई है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

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    शनिवार को पुल का जलस्तर 205.22 मीटर तक पहुंच गया।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यमुना नदी का पानी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। खतरे के निशान को पार करती पानी की धारा को देख प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं। बढ़ते जलस्तर की तस्वीरें मन में सिहरन पैदा कर रही हैं। आशंका जताई जा रही है कि देश की राजधानी दिल्ली बाढ़ के मुहाने पर आ चुकी है।

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    क्यों बेतहाशा बढ़ रही यमुना की धार

    जान जोखिम में डालकर शास्त्री पार्क लोहे के पुल के पास यमुना किनारे रह रहे लोगों की सुरक्षा करना भी एक बड़ी चुनौती है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण यमुना में जलस्तर बढ़ रहा है और हथिनीकुंड से पानी छोड़े जाने से स्थिति और गंभीर हो गई है।

    निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने चेतावनी जारी कर लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। 

    प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती

    ऐसा लग रहा है कि देश की राजधानी दिल्ली में कभी भी बाढ़ आ सकती है। कारण, यमुना का तेजी से बढ़ता जलस्तर है, जो खतरे के निशान को पार कर गया है। अगर अब जलस्तर में थोड़ी भी बढ़ोतरी होती है तो पानी दिल्ली के निचले इलाके में प्रवेश कर जाएगा।

    जानकारी के मुताबिक निगमबोध घाट के पास बने घाटों पर बने घरों से पानी थोड़ा ही नीचे है। ऐसे में अगर पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो घरों तक पानी पहुंचने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा। यह प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।

    ...तो जलस्तर में वृद्धि रहेगी जारी 

    समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शनिवार को पुल का जलस्तर 205.22 मीटर तक पहुंच गया, जो 205.33 मीटर के खतरे के स्तर से कुछ ही नीचे है। अधिकारियों के अनुसार, स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और सभी संबंधित एजेंसियों को बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है क्योंकि पूर्वानुमान के अनुसार जलस्तर में वृद्धि जारी रहेगी।

    कैसे मापा जाता है यमुना में खतरे का निशान

    गौरतलब है कि दिल्ली के लिए यमुना का खतरनाक जलस्तर 204.50 मीटर माना जाता है। वहीं, खतरे का निशान 205.33 मीटर है और निकासी 205.33 मीटर पर माना गया है। यमुना में एक पुराना रेल पुल है जो कि खतरे के निशान का सूचक है। यही दिल्ली में बाढ़ के आने और न आने का मापक है। अगर पानी पुल की निर्धारित ऊंचाई को छू लेता है तो दिल्ली में बाढ़ आने की पूरी संभावना हो जाती है। यमुना का जलस्तर अब उसी निशान की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जो सबकी धड़कनें बढ़ाए हुए है। 

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