दिल्ली वालों के लिए गुड न्यूज, सीएम बनने से पहले यमुना नदी की सफाई शुरू
राजधानी दिल्ली में बीजेपी की सरकार के गठन से पहले ही यमुना नदी में सफाई कार्य शुरू हो गया है। एलजी कार्यालय के मुताबिक यमुना में कचरा निकालने वाली मशीनें और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट रविवार से नदी में सफाई अभियान शुरू कर चुके हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रविवार को मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव से मुलाकात की और उन्हें तुरंत काम शुरू करने को कहा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना की सफाई कराने के वादे पर भाजपा सरकार के शपथ से पहले ही काम शुरू हो गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर यमुना से कूड़ा-कचरा हटाने के लिए मशीनें उतरने लगी हैं।
आईटीओ के पास यमुना में यह काम रविवार से शुरू हो गया। एलजी ने मुख्य सचिव को बुलाकर यमुना की सफाई को लेकर विस्तृत प्लान पर काम शुरू करने के लिए कहा है। एलजी के निर्देश के अनुसार, यमुना की सफाई के लिए होने वाले कार्यों की निगरानी साप्ताहिक आधार पर की जाएगी।
कब तक हो जाएगी यमुना की सफाई?
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को शहर में औद्योगिक इकाइयों द्वारा नालों में अनुपचारित अपशिष्ट के निर्वहन पर निगरानी का निर्देश दिया गया है। एलजी ने तीन साल में यमुना को साफ करने का लक्ष्य रखा है।
इस योजना के तहत उन्होंने सभी एजेंसियों को समन्वय बनाकर काम करने पर बल दिया है, जिसमें मुख्य रूप से दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली नगर निगम, पर्यावरण विभाग, पीडब्ल्यूडी और डीडीए शामिल हैं।
#WATCH | Delhi Lt Governor Office says, "Works on cleaning river Yamuna have already begun with trash skimmers, weed harvesters and a dredge utility craft already starting cleaning operations in the river today. Delhi LG VK Saxena yesterday met the Chief Secretary and ACS (I&FC)… pic.twitter.com/aNY5FiuInr
— ANI (@ANI) February 16, 2025
यमुना की सफाई पर एलजी कार्यालय ने क्या कहा?
राजनिवास ने कहा, "यमुना के कायाकल्प का काम जनवरी 2023 में मिशन मोड में शुरू हुआ था, जब एनजीटी ने एलजी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। यमुना की सफाई कार्यों की बारीकी से निगरानी करने वाली इस समिति की पांच बैठकें हुई थीं, जिनमें यमुना की सफाई के लिए विश्व के सबसे अच्छे उदाहरणों पर चर्चा हुई थी और उन्हें लागू करने की तैयारी थी। इस पर काम तेजी से शुरू हो चुका था।"
एलजी योजना की निगरानी कर रहे थे और इससे संबंधित कार्यों का मौके पर जाकर निरीक्षण कर रहे थे। ऐसे में यमुना के पानी में सीओडी/बीओडी का स्तर महीने-दर-महीने थोड़ा सुधरने लगा था।
मगर इस कार्य के विरोध में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली तत्कालीन आप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और 10 जुलाई, 2023 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ से एनजीटी के आदेश पर रोक लगवा दी। इसके बाद यमुना के कायाकल्प का काम फिर से रुक गया और इस साल की शुरुआत में रिकार्ड स्तर पर पहुंचने के साथ पानी में सीओडी/बीओडी का स्तर और भी खराब हो गया।
एलजी ने दिए ये निर्देश
- सबसे पहले यमुना नदी की धारा में जमा कचरा, कूड़ा और गाद को हटाया जाएगा।
- साथ ही नजफगढ़ नाले, सप्लीमेंट्री नाले और अन्य सभी प्रमुख नालों में सफाई अभियान शुरू किया जाएगा।
- मौजूदा एसटीपी की क्षमता और उत्पादन के संदर्भ में दैनिक निगरानी रखी जाएगी।
- 400 एमजीडी सीवर के पानी को शोधित करने के लिए नए एसटीपी आदि के निर्माण के संदर्भ में एक समयबद्ध योजना बनाई जाएगी और उसे जल्द जमीन पर उतारा जाएगा।
ये भी पढ़ें-
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।