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    Yamuna pollution: यमुना में सीवेज डंपिंग से निपटने के लिए सरकार सख्त, DPCC को दिए ये निर्देश

    By sanjeev Gupta Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Thu, 15 May 2025 05:52 AM (IST)

    दिल्ली सरकार ने यमुना में सीवेज डंपिंग पर गंभीर रुख अपनाते हुए डीपीसीसी को 10 दिन में विस्तृत कार्ययोजना देने का निर्देश दिया है। मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे शासन की विफलता बताते हुए दिल्ली जल बोर्ड पर 18.54 करोड़ रुपये जुर्माने के बावजूद हालात न बदलने पर नाराजगी जताई। मिशन यमुना स्वच्छता के तहत अब सख्त जवाबदेही और समन्वित कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।

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    पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जताई नाराजगी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को यमुना में सीवेज डंपिंग पर 10 दिन के भीतर विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

    पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि उन्होंने डीपीसीसी को सात दिन में गहन जांच करने और फिर 10 दिन के भीतर कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिसमें विभाग की जिम्मेदारी, समयसीमा और शहर के नालों में सीवेज के अवैध निर्वहन को रोकने के उपायों का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए।

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    अधिकारियों के अनुसार, अनधिकृत कॉलोनियों और जेजे क्लस्टरों से अवैध रूप से सीवेज का निर्वहन रोकने में विफल रहने पर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) पर 18.54 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

    सिरसा ने कहा कि डीपीसीसी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें पुष्टि की गई है कि 58 जेजे क्लस्टरों से अनुपचारित सीवेज - जिसकी मात्रा 2.04 एमजीडी (9.274 एमएलडी) है - सीधे यमुना की ओर जाने वाले नालों में बह रहा है। हैरानी की बात यह है कि पहले की चेतावनियों और फरवरी 2025 में लगाए गए जुर्माने के बावजूद, जमीनी स्तर पर स्थिति अपरिवर्तित बनी हुई है।

    जुर्माने के बावजूद यमुना में डाला जा रहा सीवेज

    इसे आप सरकार के तहत शासन की विफलता का प्रत्यक्ष परिणाम बताते हुए सिरसा ने कहा, "यह चौंकाने वाला और अस्वीकार्य है कि अदालत के हस्तक्षेप, नियमों और 18 करोड़ रुपये के जुर्माने के बावजूद, यमुना में अभी भी अवैध रूप से सीवेज डाला जा रहा है।"

    इसे आप सरकार के तहत शासन की विफलता का प्रत्यक्ष परिणाम बताते हुए सिरसा ने कहा, "यह चौंकाने वाला और अस्वीकार्य है कि अदालत के हस्तक्षेप, नियमों और 18 करोड़ रुपये के जुर्माने के बावजूद, यमुना में अभी भी अवैध रूप से सीवेज डाला जा रहा है।"

    पिछली सरकार की उदासीनता

    मंत्री ने कहा, "इस संकट की जड़ पिछली सरकार की पूरी तरह से उदासीनता है। उनकी चुप्पी और निष्क्रियता से पता चलता है कि उन्हें दिल्ली के पर्यावरण या उसके लोगों की कितनी कम परवाह थी।"

    सिरसा ने जल और पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा के साथ चर्चा की भी पुष्टि की, जो संकट को दूर करने के लिए समानांतर कदम उठा रहे हैं। सिरसा ने कहा, "उनके (वर्मा के) नेतृत्व और केंद्र के समर्थन से, हमें विश्वास है कि हम जल्द ही जमीन पर स्पष्ट बदलाव देखेंगे।"

    उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई मिशन यमुना स्वच्छता के व्यापक दायरे में आती है, जिसमें सरकार का लक्ष्य लंबे समय से चली आ रही विफलताओं को सुधारना और समन्वित कार्रवाई और सख्त जवाबदेही के माध्यम से नदी को बहाल करना है।

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