'हर घंटे बढ़ रहा है पानी, हमारे खेत डूब चुके हैं...' सिर पर सामान उठाए अपना घर खाली करने को मजबूर लोग
यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे मड़नपुर खदर सहित कई इलाकों में बाढ़ आई है। किसान अपनी फसल बचाने की कोशिश में लगे हैं लेकिन कई खेत और घर पानी में डूब गए हैं। प्रशासन ने निकटवर्ती इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की है। जलस्तर बढ़ने से हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान को पार करते ही कई इलाकों में बाढ़ कहर बरपाने लगी है। यमुना नदी का उफान दिल्ली में कई निचले इलाकों को पानी में डुबा दिया। जिससे हजारों लोगों को घर छोड़ना पड़ा और इन्हें राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया।
कश्मीरी गेट के मठ बाजार, वासुदेव घाट और यमुना बाजार जैसे इलाकों में भी पानी घुस गया, दुकानें और मकान पानी में डूबे नजर आए। अब तक लगभग 4,500 लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।
उधर, मड़नपुर खदर में किसान आखिरी फसल बचाने की जुगत में लगे हैं, जबकि बाकी खेत पानी में डूब चुके हैं। किसान राम शंकर ने कहा कि जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है, इसलिए हम यहां से जा रहे हैं।
कई परिवार गहरे पानी में अपना सामान सिर पर उठाए चल रहे हैं, कुछ कपड़े बंडल में लिए तो कुछ लकड़ी के अलमारी भी साथ उठा रहे थे। लोगाें ने कहा, पुलिस ने तो हमें भी हटने को कहा, लेकिन कोई प्रबंध नहीं हुआ।
किसान विकास ने बताया कि उनका परिवार खेती पर निर्भर है और आधे से ज्यादा खेत जलमग्न हो चुके हैं। सुबह 8 बजे यमुना का जलस्तर पुरानी रेलवे पुल पर 205.8 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के स्तर 205.33 मीटर से ऊपर है। हथनीकुंड, वजीराबाद और ओखला बैराज से छोड़े गए पानी ने नदी की सतह बढ़ा दी है।
प्रशासन ने नदी निकटवर्ती इलाकों में रहने वालों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। सभी जिला मजिस्ट्रेटों को बाढ़ के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
ट्रांस-यमुना के कई हिस्सों में रात भर हुई बारिश के बाद घर भी पानी में डूबे नजर आए। फिलहाल बाढ़ से प्रभावित लोग अपने-अपने सामान उठा कर सुरक्षित जगह जाने को मजबूर हैं, पर उनकी बेचैनी और अनिश्चितता साफ दिखाई दे रही है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में परिवार पानी में पैरों तक डूबकर अपना सामान बचाने में लगे हुए हैं। मदनपुर खदर में किसानों ने फसल बर्बाद होने से पहले उसे निकालने की कोशिश की, जबकि हाथी घाट इलाके में करीब 70 परिवार बाढ़ के खतरे के बीच पेड़ों के नीचे रह रहे हैं।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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