दिल्ली में हर वर्ष सात अक्टूबर को मनाया जाएगा 'यमुना दिवस', स्वयंसेवी संस्थाओं का महत्वपूर्ण निर्णय
यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए काम कर रही संस्थाएं अब हर साल 7 अक्टूबर को यमुना दिवस मनाएंगी। यमुना जिये अभियान के संस्थापक मनोज मिश्र के जन्मदिन पर यह निर्णय लिया गया। इस अवसर पर यमुना घाटों की सफाई और वृक्षारोपण किया गया। मनोज मिश्र ने यमुना के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए कार्य किए जिसे उनके निधन के बाद भी जारी रखा जा रहा है।

राज्य ब्यूरो नई दिल्ली। यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए काम करने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से यमुना जिये अभियान के संस्थापक मनोज मिश्र के जन्म दिन 7 अक्टूबर को प्रत्येक वर्ष यमुना दिवस के रूप मनाने का निर्णय लिया है।
मंगलवार को यमुना नदी के घाटों की सफाई और वृक्षारोपण किया गया। यमुना फाउंडेशन, यमुना नदी मित्र मंडली और यमुना जिये अभियान के प्रतिनिधियों ने कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए।
कहा, मनोज मिश्र ने दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश कई यमुना मित्र मंडली समूह स्थापित किए। इनकी मदद से उन्होंने यमुना नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाने वाले विभिन्न कारकों का आकलन किया।
यमुना जिये अभियान की शुरुआत कर बाढ़ क्षेत्र की भूमि को बचाने के लिए संघर्ष किया। लोगों को जागरूक किया और कानूनी लड़ाई भी लड़ी। 4 जून, 2023 को उनके निधन के बाद भी यह अभियान जारी है।
साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल (संड्रप) के समन्वयक बीएस रावत ने कहा, उत्तराखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के यमुना नदी संरक्षण मिशन के सदस्य और दिल्ली में काम करने वाले यमुना समूह के सदस्यों ने सात अक्टूबर को यमुना दिवस मनाने का निर्णय लिया है।
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