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दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में, अगले तीन दिन होंगे मुश्किल भरे

सफर के निदेशक डॉ. गुफरान बेग ने कहा कि एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि दिल्ली में हरियाणा एवं पंजाब में पराली जलाने से उसका कितना फीसद प्रदूषण में योगदान है

By Edited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 10:21 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 07:48 AM (IST)
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में, अगले तीन दिन होंगे मुश्किल भरे

नई दिल्ली, जेएनएन। दिवाली त्योहार में एक सप्ताह से भी अधिक का समय बाकी है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर की हवा अभी से जहरीली हो गई है। हवा में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ चुका है कि सांस लेना तक दुश्वार हो रहा है। वहीं, एनसीआर के शहरों में सबसे ज्यादा खराब हवा गाजियाबाद और गुड़गांव की रही। इन शहरों में एयर क्वॉलिटी 'बेहद खराब' की कैटिगरी में रही। हवा में 'जहर' का यह स्तर इस मौसम में अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर रहा। 

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1 से 10 नवंबर के दौरान प्रदूषण बढ़ने को लेकर पहले ही अनुमान जताया जा चुका है, ऐसे में उससे भी पहले हवा का बेहद खराब कैटिगरी में होना लोगों को परेशान कर रहा है। 

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर है। इसका जिम्मेदार पराली को माना जा रहा है। वहीं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रोजेक्ट सफर की ओर से आशंका जताई गई है कि अगले तीन दिनों तक दिल्ली का प्रदूषण और भी बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि हवा की कम गति के कारण पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने का प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर के आसमान में फैल सकता है। सुबह में तापमान कम होने के कारण यह पलूशन जल्दी दूर भी नहीं होगा। इसके अलावा फेस्टिव सीजन को देखते हुए ट्रैफिक भी बढ़ेगा और सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों पर पूरी तरह रोक लगाने से इनकार के बाद दिवाली के समय पटाखों का धुआं भी दम घोटेगा।

सफर के निदेशक डॉ. गुफरान बेग ने कहा कि एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि दिल्ली में हरियाणा एवं पंजाब में पराली जलाने से उसका कितना फीसद प्रदूषण में योगदान है। अगले तीन दिनों में 29 से 31 अक्टूबर के दौरान पराली के प्रदूषण का दिल्ली में योगदान 17 से 18 फीसद तक रह सकता है।

वहीं, दिल्ली का औसत पीएम 2.5 का स्तर शनिवार को 220 एमजीसीएम दर्ज हुआ। शनिवार को पीएम 2.5 का स्तर 180 था। शनिवार से ज्यादा रहा रविवार के दिन प्रदूषण का स्तर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बेहद खतरनाक स्तर पर दर्ज हो रहा है।

शनिवार की तुलना में रविवार को यह ज्यादा बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण मॉनिट¨रग स्टेशनों में दिल्ली का औसत पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में 366 रविवार के दिन दर्ज हुआ। यह शनिवार की तुलना में ज्यादा रहा। शनिवार को एक्यूआइ 351 दर्ज हुआ था।

वहीं दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। तीनों लैंडफिल साइटों में लगी आग ने भी बढ़ाया प्रदूषण प्रदूषण विशेषज्ञों ने कहा कि इन दिनों तीनों लैंडफिल साइट -भलस्वा, गाजीपुर और ओखला में आग की घटनाओं की सूचनाएं भी प्राप्त हो रही हैं। इनको नियंत्रित करने में एजेंसियां कुछ खास नहीं कर पा रहीं हैं। यही कारण है कि वजीरपुर के प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन में पीएम 2.5 का स्तर 284 तक चला गया है।

उत्तरी दिल्ली में प्रदूषण से लोगों का घुटने लगा दम
बदलते मौसम के बीच स्मॉग से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। उत्तरी दिल्ली के कई क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर को पार जा चुका है। इनमें मुंडका, नरेला और उसके आसपास के क्षेत्र शामिल हैं। तापमान में कमी आने से भले ही स्मॉग फैल रहा हो, लेकिन इसमें कई बुनियादी कारण निहित हैं।

सड़क पर धूल की बड़ी मात्रा और कारखानों से निकलने वाला धुआं इसकी मुख्य वजह है, जिस पर समय रहते लगाम लगाना आवश्यक हो गया है। गौरतलब है कि मुंडका में एयर इंडेक्स 444 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (एमजीसीएम) पहुंच चुका है। ऐसे में इलाके में प्रदूषण से लोगों का दम घुटने लगा है। जहांगीरपुरी में 464, नरेला 396, रोहिणी 418 और पंजाबी बाग में 450 है।

मुंडका के रानीखेड़ा क्षेत्र में सड़क बनाने से लेकर अन्य दूसरे निर्माण कार्य में उड़ने वाली धूल को खत्म करने के लिए सरकार और स्थानीय एजेंसियों की ओर से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यहां की सभी प्रमुख सड़कों पर यहां-वहां फैली धूल लोगों की चिंता का कारण बनी हुई है। ऐसी ही हालत नरेला की सड़कों की भी है।

क्षेत्र के लोगों की ओर से बार-बार इसको लेकर कार्रवाई करने की मांग भी नजरंदाज की जा रही है, जिससे स्थानीय निवासी घर से बाहर निकलने में भी कतराने लगे हैं। लोगों का कहना है कि यदि सड़कों पर उड़ती धूल की रोकथाम के इंतजाम हो जाएं तो प्रदूषित वायु में काफी हद तक कमी आ सकती है।

ऐसे में लोग प्रदूषण की रोकथाम के लिए सड़कों की सफाई और धूल को दूर करने की कवायद पर अधिक जोर देने लगे हैं। दूसरी ओर इलाके में मौजूद कारखानों से निकलने वाला सफेद और काला धुआं वायु को काफी प्रदूषित कर रहा है। इसके लिए कोई सख्त और गंभीर प्रयास नहीं हो रहे हैं।

इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा- 'पूरा साल दिल्ली में प्रदूषण ठीक रहा। पर इस वक़्त हर साल दिल्ली को हरियाणा, केंद्र और पंजाब की भाजपा और कांग्रेस सरकारों की वजह से दम घोंटने वाले प्रदूषण को झेलना पड़ता है। हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद ये कुछ करने को तैयार नहीं। इन राज्यों के किसान भी अपनी सरकारों से परेशान हैं।'


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