नोटबंदीः महिला के जनधन खाते में आए 100 करोड़, अचरज में PM कार्यालय
शीतल 18 दिसंबर को जब बैंक के एटीएम बूथ पर पैसा निकालने गईं। वहां वह यह देखकर हैरान रह गई कि उनके खाते में 99,99,99,394 रुपये हैं।
गाजियाबाद (जेएनएन)। नोटबंदी के बाद जनधन खातों में भारी भरकम रकम जमा होने के मामले लगातार सामने आ रहेे हैं । इस कड़ी में गाजियाबाद की महिला के खाते में 100 करोड़ रुपये जमा होने का मामला प्रकाश में आया है।
अपने जनधन खाते में 100 करोड़ रुपये जमा होने से परेशान महिला की शिकायत बैंक अधिकारियों द्वारा अनसुनी किए जाने के बाद पूरा मामला प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गया है। पीड़िता का नाम शीतल यादव है।
शीतल यादव के मुताबिक, उनका जनधन खाता मेरठ में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक शाखा में है। 18 दिसंबर को जब अपने घर के पास स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के एटीएम बूथ पर पैसा निकालने गईं। वहां वह यह देखकर हैरान रह गई कि उनके खाते में 99,99,99,394 रुपये हैं।
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बैंक अधिकारियों के टालने वाले रवैया ने किया परेशान
शीतल का कहना है कि जब भी वह शिकायत लेकर बैंक जाती हैं, तो बैंक अधिकारी उन्हें बाद में आने के लिए कह देते हैं। इससे परेशान होकर उसने प्रधानमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।
शीतल के पति जिलेदार सिंह ने पीएमओ में की गई अपनी शिकायत में कहा है कि शीतल का मेरठ में शारदा रोड स्थित एसबीआइ की शाखा में जनधन खाता खुला है। पूरे मामले का खुलासा 18 दिसंबर को हुआ, जब वह एटीएम से पैसे निकालने गई थीं।
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99,99,99,394 रुपये देख शीतल हुई हैरान
वहां पर पता चला कि उनके खाते में 99,99,99,394 रुपये हैं। हैरान-परेशान शीतल को इस पर विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने पास ही खड़े एक व्यक्ति से खाते में जमा रकम देखने का अनुरोध किया तो उस व्यक्ति ने भी यही रकम बताई।
बैंक कर्मचारियों ने शीतल की शिकायत ही नहीं सुनी
इसके बाद वह पास के ही यस बैंक के एटीएम गईं और वहां भी वही रकम खाते में जमा बताई गई। इसकी शिकायत लेकर वह लगातार दो दिन बैंक गईं, लेकिन बैंक कर्मचारियों ने उनकी शिकायत ही नहीं सुनी और कहा कि वे किसी ऐसे दिन आएं जब ब्रांच मैनेजर उनकी शिकायत सुन सकें, लेकिन जब अगली बार वह बैंक गईं तो उन्हें किसी और बहाने से वापस भेज दिया गया।
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निजी कारखाने में काम करते हैं पति-पत्नी, तनख्वाह भी है काफी कम
बता दें कि शीतल के पति जिलेदार सिंह एक निजी कारखाने में काम करते हैं। उनके मुताबिक, उनकी पत्नी भी एक निजी कारखाने में काम करती हैं और उन्हें 5,000 रुपये प्रति महीने की तनख्वाह मिलती है। उनकी खुद की तनख्वाह भी काफी कम है।
जिलेदार सिंह का कहना है कि बैंक कर्मचारियों के रवैये से तंग आकर उन्होंने एक पढ़े-लिखे व्यक्ति की मदद से पीएमओ को शिकायती मेल की है।
बैंक में 50 हजार रुपये जमा थे
जिलेदार सिंह का कहना है कि हमने 26 दिसंबर को पीएमओ को मेल कर मदद की गुहार लगाई है कि जब जनधन खाते में अधिकतम 50,000 रुपये ही जमा करवाए जा सकते हैं तो ये 100 करोड़ रुपये कहां से आए।
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