पब्लिक प्लेस में छोटे कपड़े पहनने पर होगी सजा? दिल्ली की एक अदालत ने सुनाया ये अहम फैसला
अदालत ने कहा कि अब न तो छोटे कपड़े पहनना अपराध है और न ही गानों पर नाचना दंडनीय है भले ही ऐसा डांस सार्वजनिक रूप से किया गया हो। इन्हें तभी दंडित किया जा सकता है जब डांस करने वाले के अलावा कोई और व्यक्ति भी डांस करने से परेशान हो। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि मामले में कोई अपराध हुआ।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के तीस हजारी स्थित अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बार में अश्लील डांस करने की आरोपी सात महिलाओं को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि मामले में कोई अपराध हुआ है।
छोटे कपड़े पहनना दंडनीय नहीं
अदालत ने कहा कि अब न तो छोटे कपड़े पहनना अपराध है और न ही गानों पर नाचना दंडनीय है, भले ही ऐसा डांस सार्वजनिक रूप से किया गया हो। इन्हें तभी दंडित किया जा सकता है जब डांस करने वाले के अलावा कोई और व्यक्ति भी डांस करने से परेशान हो।
सब-इंस्पेक्टर ने लगाया आरोप
बता दें कि मामला पहाड़गंज थाने का है जहां पुलिस ने सात महिलाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 के तहत मामला दर्ज किया था। यह मामला एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) की शिकायत पर दर्ज किया गया था। सब-इंस्पेक्टर का आरोप है कि गश्त के दौरान वह एक बार के अंदर गए जहां कुछ लड़कियां छोटे कपड़े पहनकर अश्लील गानों पर डांस कर रही थीं।
एसआई द्वारा गढ़ी गई कहानी
हालांकि, कोर्ट ने मामले को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला एसआई द्वारा गढ़ी गई कहानी है। ये सभी लड़कियां मौज-मस्ती कर रही थीं। अगर यह डांस किसी सार्वजनिक स्थान पर किया गया होता और इससे किसी को कोई परेशानी होती तो इस पर विचार किया जा सकता था। छोटे कपड़े पहनना या बिना किसी को परेशान किए कहीं भी डांस करना कोई अपराध नहीं है। इसके लिए किसी तरह की सजा का प्रावधान नहीं है।
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