Delhi Election 2025: दिल्ली में लोकसभा और विधानसभा के रिजल्ट्स में क्यों दिखता है अंतर, क्या कहते हैं एक्सपर्ट
दिल्ली के मतदाता लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अलग-अलग रुख अपनाते हैं। पिछले दो लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज की लेकिन उसके कुछ महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों में उतनी ही बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को सातों सीटें मिली हैं। मतदाता पहले की तरह मतदान करते हैं या फिर उनका मन बदलता है।

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। कई लोगों की यह धारणा है कि अधिकांश मतदाता राष्ट्रीय और प्रदेश के मुद्दों का अंतर नहीं कर पाते हैं। दिल्ली के चुनाव परिणामों पर नजर डालने पर यह धारण बिल्कुल गलत साबित होती है। पिछले दो लोकसभा चुनावों और उसके कुछ माह बाद हुए विधानसभा चुनावों का परिणाम बिल्कुल उलट रहा है।
वर्ष 2014 और उसके बाद वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बड़े अंतर से सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन उसके कुछ माह बाद हुए विधानसभा चुनावों में उतनी ही बड़ी हार का सामना करना पड़ा। दोनों विधानसभा चुनावों में दिल्ली के मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत से सत्ता सौंपी। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को सातों सीटें मिली है।
आप के लिए तीसरी बार बहुमत हासिल करने की चुनौती
अब विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। आम आदमी पार्टी के सामने जहां तीसरी बार पूर्ण बहुमत प्राप्त करने की चुनौती है तो भाजपा सत्ता का वनवास दूर करने के प्रयास में है। कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को वापस पाने के लिए चुनावी रण में जूझ रहे हैं। अब देखना है कि इस बार भी मतदाता पहले की तरह मतदान करते हैं या फिर उनका मन बदलता है।
विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता
चुनाव के अनुसार दिल्ली के मतदाताओं की सोच बदल जाती है। लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर आधारित होते हैं और दिल्लीवासी इसे महत्व देते हुए मतदान करने जाते हैं। तीनों लोकसभा चुनाव में उन्होंने राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर भाजपा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समर्थन किया है। लेकिन पिछले दो विधानसभा चुनावों में स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ खड़े दिखे हैं।
केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी का कोई लोकप्रिय चेहरा नहीं
यहां के चुनाव परिणामों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता की भी झलक मिलती है। लोकसभा चुनाव में मोदी की लोकप्रियता का जादू दिल्लीवासियों के सिर पर चढ़कर बोलता है। यही कारण है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा 50 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त करने में सफल रहती है। तीनों बार सभी सातों सीटों पर जीत प्राप्त की है। लेकिन दिल्ली में भाजपा के केजरीवाल के मुकाबले कोई लोकप्रिय चेहरा नहीं है। इसका परिणाम हुआ कि दोनों विधानसभा चुनावों में वह बुरी तरह से पराजित हो गई।
मुफ्त की योजनाओं का दिखता है असर
दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम तय करने में नि:शुल्क योजनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। फ्री बिजली, फ्री पानी और महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा की सुविधा देकर आप ने एक मजबूत वोट बैंक तैयार किया है। माना जाता है कि लोकसभा में भाजपा को वोट देने वालों में से बड़ी संख्या विधानसभा चुनाव में फ्री योजनाओं के लाभ के लिए आप के साथ जुड़ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा व कांग्रेस ने भी फ्री बिजली, फ्री पानी व महिलाओं को फ्री बस यात्रा की सुविधा देने की घोषणा की है।
लोगों में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को लेकर जागरुकता बढ़ी
दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर संजीव कुमार एचएम का कहना है कि लोगों में राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को लेकर जागरुकता बढ़ी है। विदेश नीति पर पहले उच्च शिक्षित लोगों और छात्रों के बीच ही चर्चा होती थी। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह आम जनता के बीच भी विमर्श का विषय बन गया है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, भारत की पांचवीं आर्थिक शक्ति बनने जैसे मुद्दों के कारण भी लोग राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर जागरूक हुए हैं। इसकी झलक लोकसभा चुनाव में देखने को मिलती है। वहीं, विधानसभा में लोग बिजली, पानी, सार्वजनिक परिवहन जैसे स्थानीय मुद्दों को महत्व देते हैं। नि:शुल्क योजनाएं विधानसभा चुनाव परिणाम को प्रभावित करती हैं क्योंकि दिल्ली में गरीब व निम्न मध्यम वर्ग की बड़ी संख्या है।
वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टियों को विधानसभा क्षेत्रों में मिली बढ़त
- भाजपा- 60
- आप- 10
- कांग्रेस- 0
वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव के परिणाम
- भाजपा- 3
- आप- 67
- कांग्रेस- 0
वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टियों को विधानसभा क्षेत्रों में मिली बढ़त
- भाजपा- 65
- आप- 5
- कांग्रेस- 0
वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव के परिणाम
- भाजपा- 8
- आप- 62
- कांग्रेस-
वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टियों को विधानसभा क्षेत्रों में मिली बढ़त
- भाजपा- 52
- आप एवं कांग्रेस गठबंधन- 18
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