दिल्ली चुनाव में स्मृति ईरानी और नुपूर शर्मा को नहीं मिला टिकट, सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार घोषित
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। वहीं दो सीटें पार्टी ने जदयू और लोजपा को दी है। इस तरह दिल्ली की सभी 70 सीटों पर आम आदमी पार्टी भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार तय हो गए हैं। इस बार के चुनाव में स्मृति ईरानी और नुपूर शर्मा को टिकट नहीं मिला है जिसकी बातें पहले कही जा रही थी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। वहीं दो सीटें पार्टी ने जदयू और लोजपा को दी है। इस तरह दिल्ली के सभी 70 सीटों पर आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार तय हो गए हैं। वहीं इस बार के चुनाव में स्मृति ईरानी और नुपूर शर्मा को भी टिकट देने की बात कही जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
बीजेपी ने इस बार के चुनाव में बड़े चेहरों पर दांव खेला है। जैसे नई दिल्ली सीट पर पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा और कालकाजी सीट पर पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया है। ऐसे में इसकी संभावना थी कि पार्टी बाकी सीट पर चौंकानेवाले नाम शामिल कर सकती है। इसी क्रम में बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा का नाम भी सामने आया था, जिसमें उन्हें पूर्वी दिल्ली की बाबरपुर सीट देने की बात कही जा रही थी। यहां से पार्टी ने अनिल वशिष्ठ को उतारा है।
जून 2022 में पार्टी से निलंबित हुईं थी नुपूर शर्मा
नूपुर शर्मा जून 2022 तक बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहीं थी। लेकिन जून 2022 में उन्हें पैगम्बर मुहम्मद और उनकी पत्नी के बारे में विवादित टिप्पणी करने के आरोप पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद वह राजनीति से दूर चली गईं थी। अभी उनका निलंबन खत्म होने में तीन साल बचा हुआ है। नुपूर शर्मा की टिप्पणी का कई मुस्लिम देशों ने विरोध किया था।
ग्रेटर कैलाश से पार्टी ने शिखा राय को दिया मौका
वहीं, टीवी कलाकार और पूर्व केंद्रीय स्मृति ईरानी को भी दिल्ली चुनाव में उतारने की चर्चा थी। कहा जा रहा था कि पार्टी उन्हें दिल्ली कैंट या ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट में से किसी एक सीट उतार सकती है। हालांकि ऐसा नहीं हो सका और दिल्ली कैंट से भुंवर तंवर को टिकट मिला। वहीं पार्टी ने ग्रेटर कैलाश से शिखा राय को उतारा है।
2009 में दिल्ली के चांदनी चौक से लड़ चुकी थीं चुनाव
बता दें, स्मृति ईरानी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हराया था। हालांकि 2024 में वह स्वयं चुनाव हार गई थीं। इसके पहले ईरानी वर्ष 2009 में दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में भाग्य आजमा चुकी हैं, जहां वह हार गईं थी। 2014 लोकसभा चुनाव में वह राहुल गांधी से हार गईं थी, जिसके बाद उन्हें राज्यसभा भेजा गया था।
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