पंजाब चुनाव से पहले सिरसा ने सुखवीर सिंह बादल को क्यों दिया झटका? पढ़िए Inside Story
Punjab Election 2022 मनजिंदर सिंह सिरसा शिअद बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नजदीकी समझे जाते हैं। वह अचानक भाजपा में शामिल होकर सबको चौका दिया। पंजाबी बाग से डीएसजीएमसी चुनाव हारने के बाद भी बादल ने उन्हें इस धार्मिक कमेटी का अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं पंजाब प्रभारी दुष्यंत गौतम ने उनका पार्टी में स्वागत किया। इससे पहले उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।
सिरसा ने ट्वीट कर कहा कि "मैं अपने समुदाय के लिए और पिछले 70 वर्षों के पुराने मुद्दों को हल करने के लिए भाजपा में शामिल हो रहा हूं। मुझे विश्वास है कि उन सभी मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। मैं अपने समुदाय के लिए लड़ूंगा।"
पंजाब में सिरसा को भाजपा दे सकती है बड़ी जिम्मेदारी
अगली साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा मनजिंदर सिंह सिरसा को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे सकती है। इसकी के मद्देनजर उन्हें पार्टी में शामिल कराया गया है। उनके भाजपा में शामिल होने और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ पार्टी के संभावित गठबंधन से पंजाब में भाजपा को संभावनाएं नजर आ रही है। जहां किसानों के धरना प्रदर्शन के बाद पंजाब में पार्टी को बैकफुट पर देखा जा रहा था। सिरसा का सिख समुदाय में बड़ा जनाधार माना जाता है। किसान आंदोलन के दौरान सिरसा गुरुद्वारों के माध्यम से धरना स्थल पर लंगर भी चलाते थे। सिरसा के भाजपा में आने से इसका फायदा भी पार्टी को मिल सकता है।
बादल परिवार के करीबी माने जाते हैं सिरसा
सिरसा शिअद बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नजदीकी समझे जाते हैं। पंजाबी बाग से डीएसजीएमसी चुनाव हारने के बाद भी बादल ने उन्हें इस धार्मिक कमेटी का अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी। बुधवार को उन्होंने कमेटी के नवनिर्वाचित सदस्यों व अन्य अकाली नेताओं के साथ बैठक करने के बाद डीएसजीएमसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। साथ ही खुद को अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर रखने की भी बात कही।
इसके कुछ देर बाद वह भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में पहुंचे और भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह सिखों की समस्याएं हल करने के लिए काम कर रहे हैं। शेखावत ने कहा कि सिरसा के आने से पंजाब विधानसभा चुनाव में लाभ मिलेगा। वहीं, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उनके आने से संगठन को मजबूती मिलेगी।