पद्मश्री पाने वाली डॉ. भाटला कौन? अहम भूमिका निभाने PM मोदी के साथ गई थीं US, WHO समेत कई मंत्रालयों में दीं सेवाएं
पद्मश्री से सम्मानित डॉ. नीरजा भाटला ने देश में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने किफायती जांच और इलाज के तरीके विकसित किए हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका में सर्वाइकल कैंसर पर चर्चा करने वाले प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा रही हैं। आगे विस्तार से जानिए डॉ. नीरजा भाटला के बारे में सबकुछ
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या में घोषित हुए पद्म सम्मानों में दिल्ली एम्स में स्त्री रोग विभाग की प्रमुख रहीं डॉ. नीरजा भाटला को स्वास्थ्य क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा हुई है। देश भर में सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए किफायती जांच व इलाज विकसित करने के लिए किए गए उनके शोध का उन्हें यह इनाम मिला है।
उन्होंने ने सर्विकल कैंसर का एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) टीके के ट्रायल में भी उनकी अहम भूमिका रही है। ताकि इस बीमारी से महिलाओं की जान बचाई जा सके।
अमेरिका में प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा भी रही
वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका में उस प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा भी रही है, जहां सर्वाइकल कैंसर को लेकर विर्मश किया गया था। उल्लेखनीय है कि भारत में प्रतिवर्ष करीब 1.15 लाख महिलाएं सर्विकल कैंसर से पीड़ित होती हैं। इसमें 60-65 हजार महिलाओं की मौत हो जाती है। इसका बड़ा कारण जागरूकता के अभाव में समय पर बीमारी की पहचान नहीं हो पाना है।
(डॉ. नीरजा भाटला का फाइल फोटो। जागरण फोटो)
कारण यह है कि यह जांच महंगी है
उन्होंने इस बीमारी की स्क्रीनिंग व इलाज का दिशा-निर्देश तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाई। अभी उनके नेतृत्व में एचपीवी जांच के सस्ते स्वदेशी किट का ट्रायल चल रहा है। एचपीवी जांच सर्विकल कैंसर की स्क्रीनिंग में ज्यादा किफायती है। लेकिन अभी स्क्रीनिंग में यह तकनीक नहीं अपनाई जा रही है। इसका कारण यह है कि यह जांच महंगी है।
ट्रायल के बाद उम्मीद है कि एचपीबी जांच देश में सर्वाइकल कैंसर के स्क्रीनिंग का हिस्सा बन जाएगी। उनके अध्यक्ष रहते इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गायनेकोलॉजी एंड आब्सटेट्रिक्स (एफआईजीओ) ने एफआईजीओ गाइनेकोलाजिकल कैंसर मैनेजमेंट एप विकसित किया।
रोकथाम अभियान भी आयोजित किए
इससे पूर्व डा. नीरजा भाटला को कैंसर रिसर्च में महिलाओं के लिए इंटरनेशनल एजेंसी फार रिसर्च आन कैंसर से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने दिल्ली की शहरी झुग्गियों में नियमित रूप से सामूहिक जांच और रोकथाम अभियान भी आयोजित किए। उन्होंने पूरे भारत में सर्वाइकल कैंसर की जांच और उपचार कार्यक्रम को लागू करने के लिए पेशेवर संघों और सामुदायिक सामाजिक जिम्मेदारी आवेदकों के बीच सहयोग बनाया।
सलाहकार के तौर पर अपनी सेवाएं दीं
इसके साथ ही उन्होंने महिला रोग विशेषज्ञ के लिए फेलोशिप कार्यक्रम और एक ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम लागू करके महिला रोग संबंधी कैंसर चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा दिया। डा. बाटला ने विश्व स्वास्थ्य संगठन, केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत के जनजातीय विभाग, भारत के टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में महिला कैंसर और मातृ स्वास्थ्य के विषय पर सलाहकार के तौर पर अपनी सेवाएं दी हैं।
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वह भारत की पहली चिकित्सक हैं, जो एफआईजीओ की अध्यक्ष बनीं और उन्होंने सर्वाइकल कैंसर के एफआईजीओ स्टेजिंग के 2018 संशोधन का नेतृत्व किया।
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