दिल्ली में कमजोर इमारत को ढहाने की तैयारी, इस इलाके में अब तक 38 मकान चिह्नित; लोगों में दहशत
पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में नगर निगम कमजोर ढांचों पर बनी इमारतों का सर्वे कर रहा है। अब तक 38 मकान चिह्नित किए गए हैं जिन्हें जल्द ही नोटिस ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। मुस्तफाबाद इलाके में कमजोर ढांचे पर बनी चार से छह मंजिला इमारतों को चिह्नित किया जा रहा है। नगर निगम की टीम ने सोमवार को सर्वे कर यहां पर ऐसे 23 मकानों को चिह्नित किया है। अब तक कुल 38 मकान चिह्नित हुए हैं, जिन्हें जल्द नोटिस दिया जाएगा। उसके बाद सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। ताज्जुब की बात यह है कि ऐसे मकानों को इस श्रेणी में नहीं रखा गया जो लोहे के पिलर और एंगल पर टिके हैं। ऐसे में सर्वे पर प्रश्न चिह्न लग रहा है।
मुस्तफाबाद के दयालपुर शक्ति विहार गली नंबर-एक में तीन मंजिला मकान ढहने के बाद जागे नगर निगम के बिल्डिंग विभाग की टीम ने रविवार से सर्वे कार्य शुरू किया था। पहले दिन चार से छह मंजिला बने 15 कमजोर मकानों को चिह्नित किया गया था। इस सर्वे के तहत टीम देख रही है कि मकानों में पिलर है या नहीं। भूतल पर बने ढांचे की अधिक वजन सहने की क्षमता है या नहीं। इसी सर्वे के तहत सोमवार को इलाके की अलग-अलग गलियों में जाकर निगम की टीम ने सर्वे किया और शाम तक 23 मकान चिह्नित किए।
निगम के प्रेस एवं सूचना निदेशालय ने बताया कि अब तक कुल 38 इमारतों को चिह्नित करने का काम किया गया है। यह काम आगे भी जारी रहेगा। जिनको चिह्नित किया जा रहा है, उनको पहले नोटिस दिया जाएगा। उसके बाद सीलिंग की कार्रवाई होगी।
क्षेत्र में घबराए लोग
सर्वे शुरू होने से क्षेत्र के लोग घबराए हुए हैं। खासतौर पर वो लोग जिनके मकान कई मंजिला बने हैं और बाहर से देखने में जर्जर लग रहे हैं। सर्वे की शामत से बचाने के लिए लाेग जनप्रतिनिधियों के यहां चक्कर काट रहे हैं।
नालियों का काम अधूरा, पानी से नींव हो रही कमजोर
निगम की ओर से स्थानीय पार्षद अरुण भाटी द्वारा सोमवार को डीएसआइआइडीसी को लिखा पत्र साझा किया गया है। उसके नीचे स्थानीय लोगों की एक शिकायत भी संलग्न है। उसमें गली नंबर एक में नाली व सड़क का अधूरा निर्माण कार्य पूरा करने की बात लिखी है। लोगों ने अपनी शिकायत में कहा है कि डीएसआइआइडीसी ने मेसर्स नरेश कुमार अग्रवाल को यहां नाली व सड़क बनाने का काम दिया था, जो उन्होंने पूरा नहीं किया है। इससे उनके यहां नाली का पानी भर जाता हैद्व नींव कमजोर हो रही है। इसी पत्र को लेकर निगम अपने जेई को बचाने का आधार बनाने का प्रयास कर रहा है।

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