Delhi Building Collapse: दिल्ली में गिरते मकानों के लिए जिम्मेदार कौन? अधिकारी, सरकार या कोई और...
मुस्तफाबाद में इमारत गिरने से 11 लोगों की मौत का मुद्दा पूर्वी दिल्ली में दिशा समिति की बैठक में उठा। विधायकों ने निगम अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त की उन पर अपनी जिम्मेदारी से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग और रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति उदासीनता पर चिंता जताई ईस्ट दिल्ली क्राइम में कार्रवाई की मांग की।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। मुस्तफाबाद में मकान गिरने से 11 लोगों की मौत और 11 लोगों के घायल होने का मुद्दा दिशा समिति की बैठक में उठा। इस बैठक से निगम के अधिकारी नदारद रहे। इस पर विधायकों ने नाराजगी जताई और कहा कि निगम अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि मुस्तफाबाद में मकान गिरने का मामला कोई मामूली नहीं है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में यह पहला मामला है जब मकान गिरने से 11 लोगों की मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि इलाके में धड़ल्ले से पांच से छह मंजिला मकान बन रहे हैं। फिर निगम अधिकारी आंखें मूंद लेते हैं। बिल्डर घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल कर फ्लैट बनाकर बेच रहे हैं।
अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती
लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब बहुमंजिला मकान बनते हैं तो बिल्डिंग का वजन बढ़ जाता है। निर्माण सामग्री उस वजन को सहन नहीं कर पाती और मकान गिर जाते हैं। लोगों की जान चली जाती है और जांच के नाम पर कुछ नहीं होता।
अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। नंद नगरी स्थित शाहदरा जिलाधिकारी कार्यालय में एक बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता सांसद मनोज तिवारी ने की। बैठक का संचालन जिलाधिकारी ऋषिता गुप्ता ने किया। इस बैठक में जिले के विधायक मौजूद रहे और अपने क्षेत्र की समस्याएं उठाईं।
पानी बचाने पर कोई चर्चा नहीं होती है : जितेंद्र महाजन
रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर समाज में काफी उदासीनता है। हर साल सैकड़ों लीटर बारिश का पानी नालियों में बहकर बर्बाद हो जाता है। सौ गज से ज्यादा के भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाना अनिवार्य है, लेकिन ऐसा नहीं होता। रोहतास नगर विधायक जितेंद्र महाजन ने बैठक में कहा कि पानी की किल्लत पर तो सभी चर्चा करते हैं। लेकिन पानी बचाने पर कोई चर्चा नहीं होती।
उन्होंने कहा कि शाहदरा जिले में लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर जागरूक नहीं हैं। न ही कोई अधिकारी हार्वेस्टिंग न लगाने वालों पर कार्रवाई करने को तैयार है। जल स्रोत तभी बढ़ेंगे, जब हम बारिश का पानी बचाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों के आधार कार्ड नहीं बन रहे हैं, उन्हें स्कूलों में दाखिला लेने में दिक्कत आ रही है।
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