Dargah Tragedy : बारिश से बचने के लिए दरगाह में आए थे लोग... 50 साल पहले अतिक्रमण कर बनाए गए थे कमरे, जांच के आदेश
दिल्ली में एक दरगाह के पास बने कमरों की दीवार पानी भरने से ढह गई। लगभग 50 साल पहले मिट्टी से बने इन कमरों के पीछे वर्षा का पानी जमा हो गया था जिससे दीवार कमजोर हो गई। जिला प्रशासन के अनुसार पानी के रिसाव के कारण यह हादसा हुआ। डीएम ने बताया कि ये कमरे अतिक्रमण कर बनाए गए थे जिसकी जांच की जाएगी।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दरगाह शरीफ पत्ते शाह के कमरों के पीछे बारिश का पानी भरा हुआ था, जिसकी वजह से दीवार कमजोर हो गई थी और हादसा अंजाम हुआ।
दरगाह के कमरों को करीब 50 साल पहले बनाया गया था। इसकी दीवार मिट्टी से बनाई गई थीं। यह इन कमरों की दीवार के पीछे खाली जगह है।
यहां पर पिछले कई दिनों से बारिश का पानी भरा था। जिला प्रशासन का कहना है कि पानी का रिसाव दीवार में हो रहा था। इस वजह से कमरों की दीवार ढह गई।
बारिश से बचने के लिए कमरों में चले गए थे लोग
दरगाह से जुड़े मोउजिम ने बताया कि आसपास के लोग यहां अक्सर माथा टेकने आते थे। यहां वीकेंड में लोगों की संख्या ज्यादा होती है।
यहां शुक्रवार को भी काफी भीड़ थी। यहां शाम को वर्षा से बचने के लिए कुछ लोग कमरों में चले गए। तभी यह हादसा हो गया।
अतिक्रमण कर बनाए थे कमरे, डीएम ने दिए जांच के आदेश
बताया जा रहा है कि कमरों को अतिक्रमण कर बनाया गया है। यहां पर करीब 25 साल पहले निर्माण शुरू किया गया था। उस समय एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने काम को रुकवा दिया था।
दक्षिणी पूर्वी जिले के डीएम डाॅ. श्रवण बांगरिया ने बताया कि दरगाह में बने ये कमरे करीब 50 साल पुराने हैं। कमरे की दीवारें मिट्टी की चिनाई कर बनाई गई थी, जबकि छत कड़ी पत्थर की थी। यह कमरे अतिक्रमण कर बनाए गए हो सकते हैं। इसकी जांच कराई जाएगी।
एएसआई की नहीं है जगह: पुरातत्व विभाग
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के अधीक्षण पुरातत्वविद आरके पटेल का कहना है कि जहां दीवार गिरी है, वह जगह पुरातत्व विभाग की नहीं है और न ही दरगाह पुरातत्व विभाग के हिस्से में आती है। वह एक निजी संपत्ति है और उसका पुरातत्व विभाग से कुछ लेना देना नहीं है।
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