Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली विस: दर्शक दीर्घा से सत्येंद्र पर फेंके गए पर्चे, सदन से बाहर खदेड़े गए युवक

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Thu, 29 Jun 2017 09:04 AM (IST)

    सत्र के पहले दिन बुधवार को भाजपा भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरेगी और विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेगी।

    Hero Image
    दिल्ली विस: दर्शक दीर्घा से सत्येंद्र पर फेंके गए पर्चे, सदन से बाहर खदेड़े गए युवक

    नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू होते ही सदन में जमकर हंगामा हुआ। सदन में विचित्र स्थिति तब उत्‍पन्‍न हो गई जब दर्शक दीर्घा में बैठे कुछ लोगों ने सत्‍येंद्र जैन पर पर्चे फेंके। इससे सदन में हंगामा मच गया। इसके चलते 30 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही रोक दी गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इनकी मांग थी कि सत्येंद्र जैन को मंत्री के पद से बर्खास्त किया जाए। सदन में आम आदमी पार्टी के दो विधायकों ने इन दोनों युवकों को सदन से बाहर फेंक दिया। बता दें कि दिल्ली सरकार ने 28 और 29 जून का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया है।

    इस दो दिन के सत्र के दौरान मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे की भी आशंका है। सत्र के पहले दिन बुधवार को भाजपा भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरेगी और विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेगी।

    वहीं, सबसे ज्यादा नजर दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा पर रहेगी, जिन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घोटालों को सदन में खुलासा करने के लिए विस अध्यक्ष से इजाजत मांगी है।

    यह भी पढ़ेंः केजरीवाल के खिलाफ बड़ा सियासी संकट खड़ा करने की तैयारी में कपिल

    वहीं, माना जा रहा है कि दिल्ली में PWD और नगर निगम के नालों की सफाई को लेकर विधानसभा की पिटीशन कमिटी की रिपोर्ट बुधवार को सदन में पेश की जाएगी।

    पिटीशन कमेटी का चेयरमैन विधायक सौरव भारद्वाज हैं। इसके अलावा दिल्ली में होने वाली नौ हजार गेस्ट टीचर्स की भर्ती पर दिल्ली के टीचर्स को वरीयता दी जाने पर चर्चा की होनी है। सत्र में नियम 280 के तहत विधायक अपनी समस्याएं सदन के सामने रखेंगे।

    राजधानी में भूमिहीन परिवारों को दिए गए प्लॉट का मालिकाना हक देने की मांग पर चर्चा की जाएगी। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी द्वारा 1970 के दशक के अंत के दौरान शुरू किए गए 20 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत दिल्ली सहित देशभर में विधवाओं, सैनिकों एवं अन्य श्रेणियों के तहत आने वाले गरीबों को प्लॉट दिए गए थे।

    दिल्ली विस के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बताया कि अन्य राज्यों में इस योजना के तहत दिए गए प्लॉटों का मालिकाना हक संबंधित परिवारों को दिया जा चुका है, लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं हो सका है। सदन की जो राय बनेगी, उससे एलजी को अवगत कराया जाएगा।

    सदन में विस की याचिका समिति लोक निर्माण विभाग के कामों पर रिपोर्ट पेश करेगी। इसमें नालों की सफाई एवं जलभराव को लेकर अभी तक किए गए कामों का ब्योरा एवं समिति का अपना दृष्टिकोण होगा। रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो सकती है।

    सत्र के दूसरे दिन गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति में दिल्ली के आवेदकों के लिए 85 फीसद सीट आरक्षित करने पर चर्चा होगी। इसमें शर्त है कि आवेदक ने 12वीं कक्षा दिल्ली के स्कूल से, स्नातक दिल्ली विवि या दिल्ली के ही अन्य किसी विवि से की हो।

    दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित कॉलेजों में दिल्ली के छात्रों के लिए 85 फीसद सीटें आरक्षित करने पर चर्चा होगी। सत्र काफी हंगामेदार रह सकता है।

    इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि हाल ही में उपराज्यपाल ने सतर्कता विभाग को एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं। संभव है कि इस मुद्दे पर विस में कोई प्रस्ताव पारित हो।