Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विदेश में नौकरी दिलवाने का देते थे झांसा, फर्जी वीजा बनाकर ठगी करने वाले तीन जालसाज गिरफ्तार

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 12:03 AM (IST)

    दिल्ली क्राइम ब्रांच ने वीजा और नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये ठग खुद को वीजा सलाहकार बताकर लोगों से पैसे ऐंठते थे। उन्होंने एक फर्जी वेबसाइट और वीएफएस ग्लोबल के लोगो का इस्तेमाल किया। पुलिस ने उनके दफ्तर पर छापा मारकर भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और अन्य सामान जब्त किया है। मुख्य आरोपी दीपक पांडे है।

    Hero Image
    विदेश में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर फर्जी वीजा बनवा ठगी करने वाले तीन जालसाज दबोचे।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।विदेश में नौकरी करने की इच्छा रखने वाले लोगों से विभिन्न देशों में नियुक्ति पत्र और फर्जी वीजा देकर ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम ने तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आरोपी खुद को वीजा सलाहकार और वीएफएस ग्लोबल के कर्मचारी बताकर ठगी करते थे। उनके कब्जे से भारी में मात्रा में फर्जी दस्तावेज, इनको तैयार करने में इस्तेमाल उपकरण, कई मोबाइल फोन, लैपटाॅप और बैंक खाते जब्त किए गए हैं।

    आरोपी ने एक वेबसाइट बनाई और पीड़ितों को लुभाने के लिए एक अमेरिकी वाट्सएप नंबर का इस्तेमाल किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गैंग सरगना दीपक पांडे, यश सिंह और वसीम अकरम के रूप में हुई है।

    अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त विक्रम सिंह के मुताबिक, पूरे विश्व में वीजा, पासपोर्ट और सलाहकार की सेवाएं देने वाली कंपनी वीएफएस ग्लोबल की ओर से आनंद सिंह ने एक शिकायत दी थी।

    आनंद ने अपनी शिकायत में बताया कि कुछ लोग वीएफएस ग्लोबल के नाम का गलत इस्तेमाल कर लोगों को फर्जी वीजा और विदेश में नौकरी दिलवाने का झांसा दे रहे हैं।

    इन लोगों ने paramountoversease.co.in के नाम से एक फर्जी वेबसाइट बनाई हुई है, जिसे दिल्ली के नेहरू प्लेस और जनकपुरी के कुछ दफ्तरों से जोड़ा गया है।

    यह लोग वीएफएस ग्लोबल का फर्जी-लोगो और उसकी फर्जी इंटरनेट मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल करके लोगों को धोखा दे रहे हैं।

    आरोपी वाट्सएप के जरिए पीड़ितों को दस्तावेज की एक जांच लिस्ट भेजते थे, जिससे सब कुछ बिल्कुल असली लगे।

    इसके बाद मेडिकल टेस्ट के लिए पैसे लेकर लोकल लैब में असली अप्वॉइंटमेंट बुक करवाया जाता है। ऐसा करने से पीड़ित को बिल्कुल भी शक नहीं होता था कि उनके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी की जा रही है।

    बाद में पीड़ितों से वीजा की जानकारी मांगने के बाद फर्जी दस्तावेज जैसे वर्क वीजा, जाब आफर लेटर और नियुक्ति पत्र भेजे जाते थे। इसके लिए और पैसे वसूले जाते थे।

    इसके बाद फर्जी आईसीए (इमिग्रेशन एंड चेकपाइंट्स अथारिटी) लेटर, फार्म 16, और पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज भेजकर और पैसे वसूले जाते थे।

    छानबीन के बाद अपराध शाखा की टीम ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपितों ने कई ऑनलाइन फर्जी प्रोफाइल बनाई हुई हैं।

    इन प्रोफाइल में वीएफएस ग्लोबल का लोगो गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है। लोगों का विश्वास जीतने के लिए आरोपी यूएस के वाट्सएप नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

    अपराध शाखा की टीम ने बैंक खातों और फर्जी सिम की पड़ताल की। इसके बाद 9 सितंबर को दिल्ली के जमरूदपुर इलाके में चल रहे आरोपितों के दफ्तर पर छापेमारी की गई।

    वहां से पुलिस ने भारी में मात्रा में फर्जी दस्तावेज, इनको तैयार करने में इस्तेमाल उपकरण, कई मोबाइल फोन, लैपटाप और बैंक खाते जब्त किए।

    पुलिस ने वहां से तीनों आरोपी दीपक, यश सिंह और वसीम अकरम को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की जांच में पता चला दीपक गैंग का सरगना है और फर्जी दस्तावेज बनाकर वाट्सएप के जरिए लोगों से बातचीत करता था।

    यश फर्जी दस्तावेज बनाने के अलावा वेबसाइट तैयार करता था। वसीम फर्जी फार्म 16, पुलिस सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज बनाता था।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली क्राइम ब्रांच ने किया नीरज बवाना गैंग का भंडाफोड़, हथियार सप्लायर गिरफ्तार