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    Haryana: शाहजहांपुर खेड़ा बार्डर पर धरना खत्म कराने पहुंचे ग्रामीण, किसानों को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Thu, 28 Jan 2021 04:43 PM (IST)

    पंचायत में ग्रामीणों ने आंदोलनकारियों से धरना हटाने और हाईवे को चालू करने की मांग की। ग्रामीणों ने 24 घंटे में बार्डर से धरना हटाने का अल्टीमेटम दिया है। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी आंदोलनकारियों से बातचीत कर रहे है।

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    शाहजहांपुर- खेड़ा बार्डर पर हुई पंचायत में मौजूद स्थानीय ग्रामीण।

    नई दिल्ली/ रेवाड़ी, केके यादव। दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद होने से परेशान स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। साहबी पुल से आंदोलकारियों को उठाने के बाद अब स्थानीय ग्रामीण व पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन शाहजहांपुर खेड़ा बार्डर पर चल रहे धरना के विरोध में खड़े हो गए है। बृहस्पतिवार को शाहजहांपुर बार्डर पर पंचायत के बाद ग्रामीण विरोध करते हुए शाहजहांपुर खेड़ा बार्डर पर पहुंच गए। ग्रामीणों व आंदोलनकारियों के आमने-सामने आ जाने से बार्डर पर तनाव की स्थिति बन गई। मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।

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    धरना पर गई बैरिकेडिंग के एक ओर राजस्थान आर्म्ड फोर्स और दूसरी ओर हरियाणा पुलिस व अर्धसैनिक बल के जवान मोर्चा संभाले हुए है। पंचायत में ग्रामीणों ने आंदोलनकारियों से धरना हटाने और हाईवे को चालू करने की मांग की। ग्रामीणों ने 24 घंटे में बार्डर से धरना हटाने का अल्टीमेटम दिया है। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी आंदोलनकारियों से बातचीत कर रहे है।

    पेट्रोलियम एसोसिएशन ने दी चेतावनी

    हाईवे बंद होने करीब 120 पेट्रोल पंप दो माह से ठप पड़े हुए है। इसके अतिरिक्त हाईवे पर स्थित दुकानें, ढाबे व होटल भी बंद है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन कई बार प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात कर हाईवे खुलवाने का आग्रह कर चुकी है। बुधवार को भी एसोसिएशन के सदस्यो ने आंदोलनकारियों से मुलाकात की थी, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई थी।

    हरियाणा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने हाईवे नहीं खुलने पर गांव करनवास स्थित तेल टर्मिनल के समक्ष धरना शुरू करने और पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति बंद करने की चेतावनी दी हुई है। करनावास स्थित तेल टर्मिनल से हरियाणा के 9 जिलों और राजस्थान के अलवर जिला में तेल की आपूर्ति होती है। यदि टर्मिनल से तेल आपूर्ति बाधित होती है तो इसका असर हरियाणा के साथ-साथ भिवाड़ी, नीमराणा, शाहजहांपुर व बहरोड के उद्योगों पर भी पड़ना तय है। बता दें कि दिल्ली हिंसा के बाद ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। 

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