बारिश के बावजूद तनकर खड़े रहे, बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते जल गए रावण- कुंभकरण, मेघनाद के पुतले
दिल्ली में विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। लाल किला मैदान में रावण दहन से पहले तेज बारिश हुई जिससे व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रभु श्रीराम को तिलक लगाया। प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम रद्द होने के बाद भी रामलीला आयोजन पूरे उत्साह के साथ संपन्न हुआ। विभिन्न हिस्सों में रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया गया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार को विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। लाल किला मैदान स्थित श्री धार्मिक लीला समिति की ओर से आयोजित उत्सव में मौसम की चुनौती भी आस्था और उत्साह को कम नहीं कर सकी।
रावण दहन से पहले तेज बारिश हुई, जिससे व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई। वर्षा में पुतले भी भीग गए थे, लेकिन इसके बावजूद रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के विशाल पुतले तनकर खड़े रहे।
बुराई पर अच्छाई का संदेश देते हुए मुख्य अतिथियों ने पुतलों में आग लगाई और इसके साथ ही पुतले धू-धूकर जल उठे। रावण दहन से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रभु श्रीराम को तिलक लगाया।
इस मौके पर राष्ट्रपति के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी तथा रामलीला समिति के पदाधिकारी भी मंच पर उपस्थित रहे। पूरा मैदान ‘जय श्रीराम’ के नारों से गूंज उठा। हजारों की संख्या में दर्शक रावण दहन देखने पहुंचे और आतिशबाजी का आनंद लिया।
वहीं आईपी एक्सटेंशन में आयोजित श्री रामलीला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम तय था, लेकिन अंतिम समय में रद कर दिया गया। मंच पर मौजूद शाहदरा विधायक संजय गोयल और श्री रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ के पदाधिकारियों ने दर्शकों को यह जानकारी दी।
हालांकि प्रधानमंत्री को रावण दहन करते हुए देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम रद होने के बाद भी रामलीला आयोजन पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ।
राजधानी की विभिन्न हिस्सों में रामलीला समितियों ने विजयदशमी के अवसर पर रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। जनता ने उल्लास और उमंग के साथ इस पर्व को मनाया।
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