वस्त्र कथा-2025 : राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर दिखा खादी का जलवा, तस्वीरों में देखिए स्वदेशी परिधानों की झलक
दिल्ली में वस्त्र कथा-2025 का आयोजन किया गया जिसमें हथकरघा और खादी उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को त्यौहार की तरह मनाने की अपील की और स्वदेशी कपड़ों को अपनाने का आह्वान किया। डिजाइनरों को खादी को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया। प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यह रैंप वाक अनूठा था। इसमें खादी की सादगी तो हथकरघा की भव्यता थी। युवाओं के साथ विदेशी राजनयिक साड़ी, कुर्ता, धोती व लहंगा शूट की रंगीनियत के साथ परिधानों की सादगी देख चकित थे। वस्त्र कथा-2025 के उत्सव में दिल्ली वालों ने देश की हथकरघा विरासत की भव्य झलक देखी।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर दिल्ली खादी ग्रामोद्योग की ओर से द अशोक होटल में दिनभर आयोजन में हजारों सालों की कपड़ों की विरासत की झलक थी। प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों के बेहतरीन हथकरघा और खादी उत्पादों की प्रदर्शनी के साथ स्वदेशी कपड़ों व परिधानों की खूबसूरती और स्थिरता से लिपटी शो वाली शाम भव्य थी।
इस मौके पर नामी डिजाइनों व फैशन डिजाइनिंग काॅलेज के छात्रों की प्रस्तुति खास थी। जिसमें, वैदिक काल से लेकर वर्तमान तक हजारों साल की यात्रा में खादी के बदलते स्वरूप को दर्शाया गया।
इस मौके पर डिजाइन राहुल मिश्रा, संजय गर्ग, गौरव शाह, रीना ढाका और विजय माथुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खादी को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उत्साहित होते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक, हर राज्य का कपड़ा अपनी एक अलग कहानी कहता है। मैं गर्व से अलग-अलग राज्यों की हैंडलूम साड़ियां पहनती हूं और चाहती हूं कि दिल्ली की सभी बहनें इस संस्कृति को अपनाएं।
उन्होंने दिल्ली वालों से अपील करते हुए कहा कि हम अपने देश के प्रति प्यार स्वदेशी कपड़ा पहनकर भी दिखा सकते हैं। प्रधानमंत्री के ‘वोकल फार लोकल’ विजन ने हमें सिखाया है कि हमें अपनी धरोहर- खादी, बुनकरों और इस उद्योग में काम करने वाले लाखों लोगों में निवेश क्यों करना चाहिए।
उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने डिजाइनर्स और कारीगरों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य हथकरघा को हर घर तक पहुंचाना है, इसे सिर्फ परंपरा से बढ़ाकर फैशन आइकन बनाना है। इसके लिए जल्द ही सभी डिजाइनर्स के खास हैंडलूम कलेक्शन लांच किए जाएंगे, ताकि इस कला को और आगे बढ़ाया जा सके।
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