Karol Bagh Fire: Vishal Mega Mart की लिफ्ट में फंसे UPSC छात्र की मौत, 750 KM दूर सोनभद्र पहुंची गुहार
दिल्ली के करोल बाग में एक विशाल मेगामार्ट में आग लगने से 24 वर्षीय यूपीएससी छात्र कुंवर धीरेंद्र विक्रम सिंह की मृत्यु हो गई। लिफ्ट में फंसे धीरेंद्र ने अपने परिवार और दोस्तों को फोन करके मदद मांगी लेकिन बचाव दल समय पर नहीं पहुंच सका। धुएं के कारण दम घुटने से उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बचाव अभियान पर सवाल उठाए हैं।

मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। करोलबाग के विशाल मेगामार्ट में खरीदारी करने पहुंचे यूपीएससी के 24 वर्षीय छात्र कुंवर धीरेंद्र विक्रम सिंह द्वारा जान बचाने की गुहार करीब 750 किमी दूर सोनभद्र तक पहुंच गई, लेकिन विशाल मेगामार्ट, दिल्ली पुलिस व दिल्ली अग्निशमन सेवा के कर्मियों ने अनसुनी की। शनिवार सुबह सात बजे तक उनके घर वाले सोनभद्र से दिल्ली पहुंच आए। उसके कुछ घंटे पहले लिफ्ट से उनके मृत शरीर को बाहर निकाला जा सका। आग से हुए धुएं में दम घुटने से उनकी सांसें थम गई थीं।
पूरी व्यवस्था पर उठ रहे गंभीर सवाल
गमजदां परिवार वाले बचाव अभियान की पूरी व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हैं। कहते हैं कि उनके भाई ने न जाने कितनी जगह फोन किए, उन लोगों ने भी संपर्क किया और उसे बचाने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा कर ली थी उत्तीर्ण
करोलबाग में ही रहकर चार वर्ष से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे डीयू के पूर्व छात्र कुंवर धीरेंद्र दो दिन पहले ही घर वालों के साथ बेंगलुरु में छुट्टियां मनाकर दिल्ली लौटे थे। उन्होंने यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी और उत्साहपूर्वक मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटे थे। शुक्रवार शाम खरीदारी करने वह करोलबाग के विशाल मेगा मार्ट पहुंचे थे, जहां अचानक आग लग गई।
आग लगते ही लिफ्ट बंद हो गई और कुंवर उसमें फंस गए, लेकिन उनकी तलाश किसी ने नहीं की। मेगा मार्ट के कर्मी आग लगते ही भाग खड़े हुए।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मोर्चरी के बाहर सोनभद्र के निराला नगर, वार्ड नंबर 22 से आए उनके बड़े भाई कुंवर वीरेंद्र विक्रम व बहन स्वाति ने बताया कि 6:54 बजे छोटे भाई का फोन आया था कि वह लिफ्ट में फंस गए हैं और धुएं से उसका दम घुट रहा है। उसे बचा लो। पिता गिरीश प्रताप सिंह को वीडियो काॅल किया।
जगह-जगह लगाई गुहार
दिल्ली में रहते चचेरे भाई निलेश को भी खुद के फंसे होने की जानकारी दी और जान बचाने की गुहार लगाई। स्वजन भी दिल्ली पुलिस से उनके लिफ्ट में फंसे होने की जानकारी देते हुए सोनभद्र से दिल्ली के लिए निकल गए।
धीरेंद्र ने गाजियाबाद में रहती दोस्त यशि को भी फाेन किया था। यशी साढ़े छह बजे से ही दिल्ली पुलिस व करोल बाग थाना पुलिस को फोन करती रही।
इस बीच कुछ दोस्त भी घटनास्थल के बाहर पहुंचे और दोस्तों के फंसे होने की जानकारी दी। देर रात्रि उसे लिफ्ट से मृत अवस्था में बाहर निकाला गया। परिजनों के अनुसार, उसके पास दो फोन थे, जिनमें एक फोन अभी भी गायब है।
जिंदगी ही धुआं-धुआं हो गई
नम आंखों से भाई ने बताया कि तीन भाई-बहन में सबसे छोटे उनके छोटे भाई का सपना यूपीएससी की परीक्षा उर्तीण कर देश की सेवा का था। उसे लेकर उन लोगों ने बड़ी हसरत पाल रखी थी, लेकिन जिंदगी ही धुआं-धुआं हो गई।
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