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    Delhi Liquor Scam: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ चलेगा केस, ED को गृह मंत्रालय से मिली मंजूरी

    Updated: Wed, 15 Jan 2025 10:07 AM (IST)

    दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal और पूर्व डिप्टी सीएम Manish Sisodia की टेंशन बढ़ गई है। ईडी को शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में कथित संलिप्तता के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले एलजी ने एजेंसी को मंजूरी दी थी।

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    आप संयोजक Arvind Kejriwal और Manish Sisodia की फाइल फोटो। (Image Credit- ANI)

    एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।

    ताजा मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में कथित संलिप्तता के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दी है। समाचार एजेंसी एएनआई ने बुधवार को यह जानकारी अपने सूत्रों के हवाले से दी है।

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    आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की फाइल फोटो।

    एलजी ने भी दी थी मुकदमा चलाने की मंजूरी

    मालूम हो कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले महीने एजेंसी को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। सीबीआई को अगस्त 2024 में आबकारी नीति से संबंधित समानांतर भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की मंजूरी मिली थी।

    ईडी ने जमानत पर बाहर चल रहे केजरीवाल को 21 मार्च, 2024 को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया और 17 मई को चार्जशीट में उनका नाम दर्ज किया था।

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    100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप

    चार्जशीट में दावा किया गया कि कुछ शराब व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए कथित तौर पर ली गई 100 करोड़ रुपये की रिश्वत में से 45 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी (आप) के गोवा चुनाव अभियान के लिए इस्तेमाल किए गए।

    ईडी के मुताबिक, आप के राष्ट्रीय संयोजक और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में इस्तेमाल और जुटाए जा रहे पैसे के लिए केजरीवाल ही जिम्मेदार थे। ईडी ने गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल भी संस्थापक सदस्यों में से एक थे और शराब नीति के संबंध में निर्णय लेने में शामिल थे।

    ईडी ने केजरीवाल को बताया था घोटाले का “सरगना”

    ईडी ने केजरीवाल को आबकारी नीति से संबंधित घोटाले का “सरगना” कहा था। ईडी ने कहा था कि केजरीवाल, पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया और पूर्व AAP मीडिया प्रभारी विजय नायर ने अपने चुनावी फंडिंग के लिए ₹100 करोड़ की रिश्वत के अलावा “अतिरिक्त” पैसे मांगे थे। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया है।