यूजीसी नेट 2025 के रिजल्ट में देरी से जेएनयू छात्रों की करियर को लेकर बढ़ी चिंता
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने यूजीसी नेट जून 2025 परीक्षा परिणाम में देरी पर चिंता जताई है। जेएनयू छात्र संघ ने पीएचडी दाखिले की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की है ताकि छात्रों को नुकसान न हो। छात्रों का कहना है कि परिणाम में देरी से उन पर मानसिक दबाव है और देशभर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यूजीसी नेट जून 2025 परीक्षा परिणाम की तारीख घोषित होने के बावजूद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के शोधार्थियों की चिंता कम नहीं हुई है।
जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने प्रशासन से पीएचडी दाखिला पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की है, ताकि परिणाम में हुई देरी का नुकसान उम्मीदवारों को न उठाना पड़े।
पीएचडी पंजीकरण की अंतिम तिथि फिलहाल 22 जुलाई तय है। नेट- जेआरएफ- गेट के जरिए दाखिला प्रक्रिया जारी है, लेकिन छात्र संघ का कहना है कि परिणाम की घोषणा में देरी ने हजारों छात्रों को मानसिक दबाव में डाल दिया।
छात्र संघ अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, यूजीसी नेट परिणाम की तारीख घोषित होने के पीछे छात्र आंदोलन का ही दबाव था।
परिणाम की घोषणा के बाद अब यह जरूरी है कि जेएनयू प्रशासन पीएचडी दाखिले की अंतिम तिथि भी बढ़ाए। गुरुवार को उपाध्यक्ष मनीषा, सचिव मुंतेहा फातिमा और अन्य छात्रों के साथ प्रतिनिधिमंडल ने एनटीए निदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा।
इसके कुछ ही घंटों बाद एनटीए ने 22 जुलाई को परीक्षा परिणाम जारी करने की घोषणा कर दी। छात्रों का तर्क है कि देशभर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है और देर से आए परिणामों के कारण योग्य उम्मीदवार पंजीकरण से वंचित रह सकते हैं।
यह समस्या सिर्फ जेएनयू की नहीं बल्कि देशभर के उन शिक्षण संस्थानों की भी है जहां नेट के जरिए पीएचडी दाखिला होता है।
छात्र नेताओं का कहना है कि वे इस मांग को लेकर आने वाले दिनों में प्रशासन पर दबाव बनाएंगे। उनका आरोप है कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता व समयबद्धता के अभाव से विद्यार्थियों का अकादमिक भविष्य अस्थिर हो जाता है।
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