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    यूईआर-2 के साथ लगते 31 गांवों को टोल-फ्री करने का प्रस्ताव, केंद्रीय राज्य मंत्री से मुलाकात में निकलेगा हल

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 08:56 PM (IST)

    दिल्ली में यूईआर-2 टोल को लेकर केंद्रीय मंत्रालय और महापंचायत के बीच सीधी बातचीत हो रही है। मंत्रालय ने यूईआर-2 के पास के 31 गांवों को टोल-फ्री करने का प्रस्ताव रखा है। महापंचायत पूरी तरह से टोल हटाने की मांग कर रही है। समझौते को लेकर बातचीत जारी है। 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वालों के लिए 350 रुपये मासिक शुल्क का प्रस्ताव है।

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    बैठक में महापंचायत के समक्ष रखा जा सकता है यह प्रस्ताव, सहमति बनी हो घोषणा संभव।

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। यूईआर-2 पर टोल के विरोध में महीने भर से चल रहे आंदोलन के दौरान पहली बार केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और महापंचायत के नुमाइंदों के बीच बुधवार को सीधी बैठक हो रही है।

    दोनों पक्ष आमने-सामने बैठेंगे और टोल को हटाने को लेकर सीधी वार्ता करेंगे। इस बैठक में केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा के अलावा सांसद योगेंद्र चांदोलिया व कमलजीत सहरावत के हिस्सा लेने की संभावना है।

    बताया जाता है कि मंत्रालय की ओर से गतिरोध दूर करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया गया, जिसे महापंचायत के समक्ष रखा जाएगा। इस प्रस्ताव में यूईआर-2 के साथ लगते 31 गांवों के लिए टोल फ्री करने का आफर दिया जाएगा। अगर दोनों पक्षों में सहमति बनती है तो इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगी।

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    मुंडका-बक्करवाला टोल को लेकर परिवहन भवन में बुधवार दोपहर दो बजे द्विपक्षीय बैठक तय हो गई है। महापंचायत के नुमाइंदों के पास बैठक का निमंत्रण पहुंच चुका है। इस बैठक में महापंचायत के संयोजक सुरेंद्र सिंह सोलंकी समेत 8-10 सदस्यों के शामिल होने की संभावना है।

    सूत्र बताते हैं कि इस गतिरोध को खत्म करने के लिए मसविदा तैयार किया गया है, जिसके तहत नरेला से लेकर पालम गांव तक यूईआर-2 के साथ लगते 31 गांवों के लोगों को राहत दी जा सकती है। इन गांवों को टोल मुक्त किए जाने का प्रस्ताव है।

    इन गांवों के निवासियों को अपने आधार कार्ड व वाहन के पंजीकरण दस्तावेज के आधार पर टोल फ्री की सुविधा मिल सकेगी। इस प्रस्ताव को कल की बैठक में रखा जाएगा। सहमति बनी तो बैठक के बाद इसकी घोषणा की संभावना है।

    भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ समय पहले यूईआर-2 के साथ लगते 31 गांव को टोल फ्री करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हुआ था।

    बता दें कि इस दौरान टोल को लेकर स्थानीय सांसद योगेंद्र चांदोलिया व कमलजीत सहरावत और विधायक संदीप सहरावत व गजेंद्र दराल दो बार केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा से मुलाकात कर चुके हैं।

    वार्ता में ये है बड़ा पेच

    इस मसले को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के राज्य मंत्री, अधिकारी, सांसदों की ग्रामीणों के साथ पहली बार सीधी वार्ता हो रही है। इस बैठक में सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि महापंचायत टोल हटाने की मांग कर रही है, जबकि मसविदे में केवल 31 गांवों को राहत दिए जाने की बात हो रही है।

    कूटनीतिक दृष्टि से मंत्रालय व जनप्रतिनिधियों के लिए यह काम चुनौतीपूर्ण है। महापंचायत के संयोजक सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि कल दो बजे परिवहन भवन में बातचीत होगी। टोल हटाने की महापंयायत की स्पष्ट मांग है, इससे कम कुछ मंजूर नहीं है।

    20 किलोमीटर दायरे में टोल फ्री का प्रस्ताव

    भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि मुंडका-बक्करवाला टोल के 20 किलोमीटर के दायरे को टोल फ्री करने की योजना पहले से ही है, लेकिन लोग 350 रुपये मासिक भुगतान के लिए तैयार नहीं हैं। ग्रामीण चाहते हैं कि 350 रुपये के भुगतान की अनिवार्यता भी खत्म हो।

    जबकि, यह राशि कोई टोल टैक्स नहीं है, यह केवल टोल कंपनी के साधन-संसाधन के खर्च का भुगतान है। अधिकारी ने बताया कि 350 रुपये मासिक शुल्क देने यह सुविधा 20 किलोमीटर रहने वाले लोगों को मिल जाएगी। यानि, कनाॅट प्लेस क्षेत्र के रहने वाले लोग भी 350 रुपये देकर पूरे महीने भर आ-जा सकते हैं।

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