Udaipur Files: ऐसी कहानी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच पैदा कर सकती है बड़ी दरार... याचिका में कोर्ट से लगाई गुहार
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में उदयपुर फाइल्स नामक फिल्म की रिलीज रोकने के लिए याचिका दायर की है। याचिका में फिल्म पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और आपत्तिजनक दृश्य दिखाने का आरोप लगाया गया है जिसमें दर्जी कन्हैया लाल की हत्या को मुस्लिम नेताओं की मिलीभगत से दर्शाया गया है। याचिकाकर्ता ने फिल्म के ट्रेलर को सोशल मीडिया से हटाने की भी मांग की।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: एक इंटरनेट पोस्ट के बाद उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल साहू की हत्या होने पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज रोकने के लिए जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली है। याचिका के अनुसार फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि साहू की हत्या मुस्लिम समुदाय के नेताओं की मिलीभगत से की गई थी और इस तरह की कहानी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच गंभीर दरार पैदा कर सकती है।
नूपुर शर्मा विवाद को भी बढ़ाचढ़ा कर दिखाने का आरोप
याचिका में कहा गया है कि फिल्म में भाजपा की नेता नुपुर शर्मा की ओर से दिए गए विवादास्पद बयान को भी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है, जबकि इससे देश भर में सांप्रदायिक अशांति फैल गई थी।
याचिका में कहा गया है कि ऐसी सामग्री को पुनर्जीवित और बढ़ावा देकर फिल्म भाईचारे की भावना को कमजोर करती है। याचिका में कहा गया कि फिल्म में मुस्लिम मौलवियों को बच्चों के साथ संबंध बनाते हुए दिखाने वाले बेहद आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए हैं।
सभी डिजिटल प्लेटफार्म से फिल्म का ट्रेलर हटाने की मांग
याचिकाकर्ता संगठन ने फिल्म की रिलीज, वितरण, प्रसारण या सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की है।
याचिका में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) को यूट्यूब, फेसबुक और एक्स जैसे सभी डिजिटल और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से फिल्म के ट्रेलर को हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।
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