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    UPSC में दो सगी बहनों का जलवा, मिर्जापुर की SDM सौम्या लाईं 18वीं रैंक; सुमेधा को 253वां स्थान

    By Jagran News Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 22 Apr 2025 05:17 PM (IST)

    संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने यूपीएससी सिविल सेवा अंतिम परीक्षा 2024 का परिणाम घोषित कर दिया है। परिणाम upsc.gov.in पर जारी किया गया है। दिल्ली के भजनपु ...और पढ़ें

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    सौम्या मिश्रा को 18वीं रैंक और सुमेघा मिश्रा को 253वीं रैंक मिली है। फाइल फोटो

    शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। बहुत कम लोग होते हैं जो अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर अपने सपनों को पूरा करते हैं। मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख किसी काम के नहीं होते, हौसले से उड़ान होती है।

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    यमुना विहार स्थित राजकीय प्रतिभा विद्यालय से पढ़ाई करने वाली सौम्या मिश्रा ने अपने जुनून से आईएएस बनने का सपना साकार किया है। तीन बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और चौथे प्रयास में 18वीं रैंक हासिल की। ​​वह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एसडीएम हैं। उनकी छोटी बहन सुमेघा मिश्रा ने 253वीं रैंक हासिल की है। वह नौकरी नहीं करती हैं।

    फोटो- सौम्या मिश्रा

    सौम्या मिश्रा और सुमेघा मिश्रा भजनपुरा में रहती हैं। उनके पिता राजवेंद्र कुमार मिश्रा यमुना विहार बी ब्लॉक स्थित राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय में पीजीटी हिंदी शिक्षक हैं। उनकी दोनों बेटियों का यूपीएससी का रिजल्ट एक साथ आया है। वह अपनी बेटियों की उपलब्धि से खुश हैं। सौम्या मिश्रा और सुमेघा मिश्रा दोनों ने अलग-अलग वर्षों में यमुना विहार के प्रतिभा विद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की है।

    दोनों ने आगे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से की है। सौम्या ने भूगोल ऑनर्स किया है। वर्ष 2021 में उन्होंने गोकलपुरी स्थित राजकीय सर्वोदय विद्यालय में पीजीटी शिक्षिका के रूप में अपने जीवन की पहली नौकरी शुरू की। इस दौरान उन्होंने पीसीएस परीक्षा पास की और स्कूल की नौकरी छोड़ दी और वर्ष 2022 में मिर्जापुरी की एसडीएम बन गईं।

    सौम्या मिश्रा ने बताया कि उन्होंने तीन बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। वह गणित विषय में कमजोर थीं। उन्होंने अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लिया। नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई जारी रखी और जिस विषय में खुद को कमजोर नहीं मानती थी, उसी विषय में पढ़ाई की।

    इस पर उन्होंने कड़ी मेहनत की और चौथे प्रयास में 18वीं रैंक हासिल की। ​​उन्होंने कहा कि जीवन में असफलताएं आती रहती हैं, लेकिन इनसे परेशान नहीं होना चाहिए। देखना चाहिए कि कैसे बेहतर किया जा सकता है।

    उन्होंने कहा कि स्कूल से लेकर यूपीएससी पास करने तक उन्होंने जीवन में कभी कोचिंग नहीं ली। उन्होंने खुद ही पढ़ाई की। पढ़ाई में पिता, स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों के साथ-साथ दोस्तों से भी मदद ली।

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