Delhi: करोड़ों रुपये के आयकर रिफंड धोखाधड़ी मामले में शामिल दो गिरफ्तार, 20 लोगों के नाम पर निकाली गई रकम
वित्तीय वर्ष 2012-13 2013-14 और 2014-15 के लिए 20 लोगाें के नाम पर 3.36 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वितरित की गई। इसके अलावा उनके फॉर्म 26 एएस में दर्शाए गए टीडीएस से पता चला कि टीडीएस उन कंपनियों द्वारा काटा गया था जबकि उनके बैंक खाते किसी भी असाइनमेंट के लिए प्राप्त किसी भी भुगतान को प्रतिबिंबित नहीं करते थे।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। करोड़ों रुपये के आयकर रिफंड धोखाधड़ी मामले में शामिल दो आरोपित को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपितों के नाम नितिन मेहता और निकुंज डुडेजा है। आयकर विभाग के आइआरएस अधिकारी मोहित गर्ग की शिकायत पर 2019 में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
डीसीपी आर्थिक अपराध शाखा एम आइ हैदर के मुताबिक आयकर विभाग ने शिकायत कर बताया था कि जांच के दौरान विभाग ने पाया कि कुछ फर्जी करदाताओं को संदिग्ध तरीके से और धारा 154 आइटी एक्ट के तहत किसी भी रिफंड आवेदन की प्राप्ति के बिना कुछ रिफंड जारी किए गए हैं।
वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 के लिए 20 लोगाें के नाम पर 3.36 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वितरित की गई। इसके अलावा, उनके फॉर्म 26 एएस में दर्शाए गए टीडीएस से पता चला कि टीडीएस उन कंपनियों द्वारा काटा गया था, जबकि उनके बैंक खाते किसी भी असाइनमेंट के लिए प्राप्त किसी भी भुगतान को प्रतिबिंबित नहीं करते थे।
पैन कार्डों में दिए गए पते पर किसी भी करदाता का पता नहीं चल सका, जो फर्जी दस्तावेजों पर प्राप्त किए गए थे। जांच से पता चला कि फर्जी करदाताओं के 20 बैंक खातों में से 19 बैंक खाते वीबीएमसीएस सेल्स प्राइवेट लिमिटेड की सिफारिश पर खोले गए थे। जिन्हें लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी के रूप में दिखाया गया।
एक फर्जी खाते में जमा की गई बड़ी राशि
आरोपित नितिन मेहता और निकुंज डुडेजा वीबीएमसीएस सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक थे। जांच के बाद संबंधित दस्तावेज जब्त कर लिए गए। जांच में एक फर्जी खाते में बड़ी राशि जमा की गई और जिसे बाद में निकाल लिया गया। इस प्रकार सरकार के पैसों का गबन किया गया।
नितिन मेहता और निकुंज डुडेजा वीबीएमसीएस सेल्स प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक था। दोनों आरोपित बी.काम, एलएलबी, एमबीए और सीए ड्रॉपआउट हैं और उन्होंने सीए के साथ काम किया है। वे धोखाधड़ी के अन्य मामलों में भी शामिल पाए गए हैं।
अपराधी का पता लगाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था क्योंकि वे लंबे समय से गिरफ्तारी से बच रहे थे। ऐसे में एसीपी एस एम शर्मा व इंस्पेक्टर हरपाल मदान के नेतृत्व में हवलदार सचिन व सिपाही आकाश की टीम ने दोनों शनिवार को दोनों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।