वाहन चालकों के लिए अच्छी खबर, दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सितंबर से शुरू होगा इलेक्ट्रिक वाहनों के दूसरे फेस का ट्रायल
Electric Vehicle Highway दिल्ली जयपुर इलेक्ट्रिक हाईवे के ट्रायल का दूसरा फेस आगामी 9 सितंबर से शुरू होगा और यह एक महीने तक यानी 8 सितंबर तक चलेगा। इसके लिए दिल्ली जयपुर राजमार्ग पर पूरी तैयारी है।
नई दिल्ली/गुरुग्राम/जयपुर, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली से जयपुर तक इलेक्ट्रिक हाइवे को लेकर अच्छी खबर आ रही हैं। दुनिया के सबसे लंबे दिल्ली जयपुर इलेक्ट्रिक हाईवे के ट्रायल का दूसरा फेस आगामी 9 सितंबर से शुरू होगा। यह ट्रायल एक महीने (30 दिन) तक चलेगा। इसके लिए दिल्ली जयपुर राजमार्ग पर पूरी तैयारी कर ली गई है।
इस बाबत नेशनल हाईवे इलेक्ट्रिक व्हीकल के परियोजना निदेशक अभिजीकत सिन्हा का कहना है कि दिल्ली से आगरा तक चलाए गए NHEV का तकनीकी ट्रायल सफल रहा है। इससे विभाग उत्साहित है। अब अगली कड़ी में दिल्ली जयपुर इलेक्ट्रिक हाईवे के ट्रायल का दूसरा फेस आगामी 9 सितंबर से शुरू होगा।
ताजा जानकारी के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) हाईवे के ट्रायल के दूसरा फेस में 9 सितंबर से शुरू होने वाले ट्रायल में दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर इलेक्ट्रिक कारें और बसों को शामिल किया जाएगा। 9 सितंबर से 8 अक्टूबर तक दिल्ली के इंडिया गेट से जयपुर के अल्बर्ट हाल संग्रहालय तक ई-हाईवे पर तकनीकी ट्रायल होगा।
बता दें कि दिसंबर 2020 में टल हरित विद्युत राष्ट राष्ट्रीय महामार्ग (AHVRM) परियोजना का पहला ट्रायल दिल्ली-आगरा यमुना एक्सप्रेसवे पर किया गया था, जो सफल रहा था। इससे विभाग काफी उत्साहित है।
गौरतलब है कि सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि उनका मंत्रालय दिल्ली से जयपुर तक इलेक्ट्रिक हाइवे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा था कि इलेक्ट्रिक रेलवे इंजन की तरह बसों और ट्रकों को भी बिजली से चलाया जाएगा और दिल्ली से जयपुर तक इलेक्ट्रिक हाइवे बनाना उनका सपना है।
देश में होगा सबसे लंबा इलेक्ट्रिक हाईवे
आने वाले समय में दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयपुर हाईवे एक ई-हाईवे के रूप में विलय हो जाएंगे। इसके साथ ही यह दुनिया का सबसे लंबा हाई वे हो जाएगा। फिलहाल जर्मनी के बर्लिन में 109 किलोमीटर सबसे लंबा ई-हाईवे है। दरअसल, दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयपुर हाईवे एक ई-हाईवे के रूप में विलय होने पर इसका नाम बदलकर अटल हरित विद्युत राष्ट्रीय महामार्ग (AHVRM) कर दिया जाएगा। इसके बाद AHVRM की कुल लंबाई करीब 500 किलोमीटर हो जाएगी।