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    Delhi Air Pollution: निर्माण कार्य पर प्रतिबंध से प्रदूषण खत्म करना संभव नहीं, पूरी इमानदारी से काम होना जरूरी

    सर्दी के मौसम में प्रदूषण बढ़ने के साथ ही दिल्ली में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है। इससे शहर का विकास रुकने के साथ जनता भी परेशान होती है। इन्हीं सब मुद्दों पर केंद्रीय लोक निर्माण के पूर्व अति महानिदेशक एमसीटी परेवा ने दैनिक जागरण से खास बातचीत की।

    By V K ShuklaEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Mon, 07 Nov 2022 11:09 AM (IST)
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    Delhi Air Pollution: निर्माण कार्य पर प्रतिबंध से प्रदूषण खत्म करना संभव नहीं, पूरी इमानदारी से काम होना जरूरी

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रदूषण बढ़ने के साथ ही दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों से सर्दी के समय निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है। शहर का विकास रुक जाता है। परियोजनाओं पर लागत बढ़ती है और साथ में जनता की परेशानी भी बढ़ती है। इससे कैसे निपटा जा सकता है और यह कैसे हो सकता है कि निर्माण कार्य न रुकें। निर्मा कार्यों को लेकर कहां लापरवाही रहती है कि इस पर प्रतिबंध लगाना पड़ता है। इन्हीं सब मुद्दों पर जागरण संवाददाता वीके शुक्ला ने केंद्रीय लोक निर्माण के पूर्व अति महानिदेशक एमसीटी परेवा से बात की। परेवा दिल्ली लोक निर्माण विभाग में भी लंबे समय तक तैनात रहे हैं। आइये पढ़ें उनसे बातचीत के प्रमुख अंश- 

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    सवाल: हर बार अब सर्दी के समय दिल्ली में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, इसके क्या कारण हैं?

    जवाब: देखिए, यह बात सोचने वाली है कि एनजीटी को प्रदूषण बढ़ने से रोकने के लिए निर्माण कार्य पर प्रतिबंध क्यों लगाना पड़ा है। सीधी सी बात है कि निर्माण कार्य पर प्रतिबंध से धूल और धुएं का प्रदूषण कम किया जा सकता है, मगर समाप्त नहीं किया जा सकता है। जो अभियंता और कंपनियां निर्माण परियोजनाओं पर काम कर रही हैं उन्हें इस पर अधिक ध्यान रखना चाहिए कि प्रदूषण न होने दें। l  

    सवाल: निर्माण कार्य बंद होने से कितना नुकसान होता है?

    जवाब: यह बता पाना संभव नहीं है। हां, यह जरूर है कि निर्माण कार्य बंद होने से नुकसान होता है। दो-तीन माह तक काम बंद रहता है। श्रमिक खाली हो जाते हैं। सबसे बड़ी बात है कि परियोजनाएं लेट होती हैं। किसी सड़क से संबंधित कोई परियोजना है तो जनता को भी परेशानी होती है। l  

    सवाल: परियोजनाओं के निर्माण कार्य स्थल पर नियमों का पालन क्यों नहीं हो पाता है? 

    जवाब: देखिए, निर्माण कार्य स्थल पर धूल प्रदूषण न हो, यह उस कंपनी की जिम्मेदारी है जो उस परियोजना पर काम कर रही है। दिल्ली की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर है। नियमों का यहां पालन किया जाता है। अगर कोई नहीं करता है तो कार्रवाई भी होती है। इन सब के बीच मैं यह कहूंगा कि जिस विभाग या निकाय के तहत कोई कंपनी काम कर रही है तो उस विभाग व निकाय द्वारा निगरानी भी जरूरी है। l  

    सवाल: निर्माण कार्य स्थल के आसपास सड़कों की दशा खराब रहती है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है और इसके लिए नियम क्या हैं?

    जवाब: सड़क पर होने वाले निर्माण कार्य के लिए उस स्थल व उससे कुछ दूरी पर सड़कों को साफ और व्यवस्थित रखना संबंधित कंपनी की जिम्मेदारी होती है। मगर यह निर्भर करता है कि जिस कंपनी को काम दिया गया है उस टेंडर में क्या लिखा गया है। अक्सर सभी टेंडर में इस बात का उल्लेख होता है कि निर्माण स्थल की सड़कों को संबंधित कंपनी देखेगी। अगर कोई कंपनी इसका पालन नहीं करती है और निर्माण स्थल पर सामान फैलाकर रखती है, जिससे जनता को परेशानी होती है या सड़कों को ठीक करके नहीं रखती है तो यह नियमों के विरुद्ध है। इसके लिए उचित कार्रवाई भी होनी चाहिए।

    सवाल: निर्माण कार्य बंद नहीं हों, क्या यह संभव है और इसका रास्ता क्या है? 

    जवाब: इसका एक ही रास्ता है कि प्रदूषण को रोका जाए। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि प्रदूषण को कम किया जाए। जब तक प्रदूषण कम नहीं होता है तो सर्दी के दौरान निर्माण कार्य जारी रह पाएगा, ऐसा अभी दिख नहीं रहा है। यह सब एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण को रोकने के लिए हो रहा है। मगर धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए ईमानदारी से काम होना चाहिए। प्रदूषण कम जरूर किया जा सकता है।

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