Tihar जेल से रंगदारी रैकेट चलए जाने पर High Court हैरान, CBI को एफआईआर दर्ज कर जांच करने का आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल में रंगदारी रैकेट के आरोपों पर सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने जेल अधिकारियों और कैदियों की मिलीभगत पर चिंता जताई है। प्रारंभिक जांच में अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ है। अदालत ने सीबीआई को मामले की गहन जांच करने और अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अंदर रंगदारी रैकेट चलने के आरोपों पर सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है। अदालत ने इसे हैरान करने वाला मामला बताते हुए कहा कि इस पर तुरंत और गंभीर सोच-विचार की जरूरत है।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कैदियों और जेल अधिकारियों की विभिन्न अवैध व भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्तता सामने आई है।
अदालत ने स्थिति रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि इसके आधार पर सीबीआई प्राथमिकी दर्ज कर जेल अधिकारियों के साथ-साथ सभी संबंधित लोगों, कैदियों के रिश्तेदारों और यहां तक कि याचिकाकर्ता की भूमिका की भी पड़ताल की जाए।
पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई की अगली तारीख पर सीबीआई की कार्रवाई की जानकारी सीलबंद लिफाफे में अदालत को दी जाए। इस मामले पर अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह समझ पाना मुश्किल है कि जेलों में यह सब कैसे चल रहा है। क्या हम एक मजबूत जेल व्यवस्था नहीं बना सकते। जब कैदियों की बुनियादी जरूरतें पूरी करने की बात आती है तो आप असफल हो जाते हैं।
लेकिन जो लोग सिस्टम से लाभ उठा सकते हैं, वे जेल में ऐश कर रहे हैं। जो इसे वहन नहीं कर सकते, उनका क्या। अदालत ने राज्य सरकार पर सभी कैदियों को न्यूनतम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी डाली।
मई में हुआ था तथ्य खोजी जांच का आदेश
अदालत ने दो मई को दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया था कि जेल प्रशासन और निगरानी में हुई चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का पता लगाने के लिए तथ्य खोजी जांच करें।
सरकार के अधिवक्ता ने सोमवार को कहा कि जांच पूरी करने के लिए कुछ और समय चाहिए। तिहाड़ की कार्यप्रणाली को लेकर दायर याचिका में जेल प्रशासन और कैदियों दोनों की ओर से अनियमितता, गैरकानूनी काम, भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोप लगाए गए थे।
आरोप है कि जेल के भीतर सुविधाएं दिलाने के लिए कुछ लोग जेल अधिकारियों की मिलीभगत से रंगदारी वसूलते थे।
निरीक्षण जज की रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य
केंद्रीय जेल नंबर आठ और सेमी ओपन जेल के निरीक्षण न्यायाधीश की रिपोर्ट, जिसे सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपा गया, में आपराधिक गतिविधियों और तिहाड़ के संचालन में अनियमितताओं के बेहद चिंताजनक तथ्य सामने आए।
इसमें जेल के आधिकारिक लैंडलाइन के दुरुपयोग से लेकर बाहर और अंदर के लोगों के बीच काल डेटा रिकार्ड के जरिए संदिग्ध संपर्क तक का पर्दाफाश हुआ।
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