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    Delhi: जेल से बीते साल 1200 मोबाइल फोन हुए थे बरामद, तिहाड़ से कुछ कैदियों को अन्य जेलों में भेजने की तैयारी

    By Jagran News Edited By: Sonu Suman
    Updated: Wed, 10 Jan 2024 09:17 PM (IST)

    दिल्ली की तिहाड़ जेल में बीते साल कैदियों के पास से 1200 मोबाइल फोन बरामद हुए थे। महानिदेशक (जेल) संजय बैनीवाल ने पीटीआई से इंटरव्यू में बताया कि इसे रोकने के लिए नए तकनीक को अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने दिल्ली के बाहर के उन कठोर अपराधियों को अन्य जेलों में स्थानांतरित करने की भी वकालत की। इस संबंध में दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिखी गई है।

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    तिहाड़ से कुछ कैदियों को अन्य जेलों में भेजने की तैयारी।

    पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बीते साल कैदियों के पास से 1200 मोबाइल फोन बरामद हुए थे। महानिदेशक (जेल) संजय बैनीवाल ने पीटीआई से इंटरव्यू में बताया कि इसे रोकने के लिए नए तकनीक को अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने दिल्ली के बाहर के उन कठोर अपराधियों को अन्य जेलों में स्थानांतरित करने की भी वकालत की, जो तिहाड़ में छोटे-मोटे अपराध में उच्च सुरक्षा वाली जेलों में बंद हैं।

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    2022 में महानिदेशक (जेल) का कार्यभार संभालने वाले वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि विचाराधीन कैदियों को अन्य जेलों में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे कई कट्टर अपराधी हैं, जिन्होंने दिल्ली के बाहर बड़े अपराध किए हैं, लेकिन फिर वे दिल्ली आते हैं और यहां भी छोटा-मोटा अपराध करते हैं और फिर तिहाड़ में बंद हो जाते हैं। यह एक अजीब बात है। हम पहले से ही बहुत भीड़भाड़ जैसी समस्या से निपट रहे हैं। उनके यहां रहने का कोई मतलब नहीं है फिर भी वे यहां हैं।

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    VC से कैदियों में गिरोह बनाने पर लगेगी रोक

    दिल्ली में तीन जेल परिसर हैं- तिहाड़, मंडोली और रोहिणी। उन्होंने कहा कि वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेशी से कैदियों को जेलों में एक-दूसरे के साथ घुलने-मिलने और गिरोह बनाने से रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा- ऐसे मौके आएंगे, जहां उच्च सुरक्षा उपायों के बावजूद कैदियों का दूसरों से सामना हो सकता है। हालांकि उन्हें अलग रखने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन अदालत में पेशी के दौरान वे एक जगह जुट जाते हैं और एक ही वैन में यात्रा करते हैं, जिससे उनकी बातचीत की संभावना बढ़ जाती है।

    हमले से निपटने के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

    बात दें, पिछले साल मई में तिहाड़ जेल के अंदर चार हमलावरों ने गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी थी और इसका वीडियो भी सामने आया था, जिसमें आरोपी को घटना को अंजाम देने के लिए चादर का उपयोग करके पहली मंजिल से नीचे उतरते देखा गया था। उन्होंने कहा कि हमने इन हथियारों में अपने कर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण शुरू कर दिया है कि कैदियों की भीड़ को कैसे संभालना है? गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के दौरान हमलावरों ने हमारे एक सुरक्षाकर्मी के खिलाफ चाकू का इस्तेमाल किया था।

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