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    दिल्ली में 20 साल से छिपे तीन बांग्लादेशी घुसपैठिये गिरफ्तार, प्रॉपर्टी डीलिंग का करते थे काम

    Updated: Thu, 10 Apr 2025 06:16 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों पिछले 20 सालों से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे थे। इनके पास से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और अन्य जाली दस्तावेज मिले हैं। वहीं दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने भी महरौली से एक बांग्लादेशी घुसपैठिये को पकड़ा है। वह 15 साल से महरौली में छिपा था।

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    20 साल से अधिक समय से दिल्ली में अवैध रूप से रहे तीन बांग्लादेशी गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में 20 साल से अधिक समय से अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी घुसपैठिये को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। रिश्ते में तीनों बाप-बेटे हैं। ये लोग डंकी रूटों से सीमा पार कर पहले बंगाल पहुंचे थे फिर ट्रेन मार्ग से दिल्ली आ गए थे।

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    यहां कुछ लोगों के सहयोग से इन्होंने पहले फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवा उसके जरिये आधार कार्ड बनवा लिया था। बाद में धीरे-धीरे वे अन्य दस्तावेज भी बनवा लिए थे। तीनों पिछले कुछ समय से बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके में प्रापर्टी डीलिंग का धंधा कर रहे थे। इनके पास से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और अन्य जाली दस्तावेज मिले हैं।

    बाजारों में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के रहने का संदेह

    डीसीपी आदित्य गौतम के मुताबिक गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान मुस्ताक, शाहिद खान और मिंटू के रूप में हुई है। अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी अप्रवासियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है। इसी के मद्देनजर क्राइम ब्रांच के एसीपी पवन कुमार व इंस्पेक्टर विवेकानंद की टीम ने उत्तरी और उत्तर-पश्चिम जिलों के साप्ताहिक बाजारों में पता लगाना शुरू किया। इन बाजारों में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के रहने का संदेह था।

    बवाना में छापा मारकर तीनों को पकड़ा

    पुलिस को जांच के दौरान सूचना मिली कि बवाना में बांग्लादेशी अप्रवासियों का एक परिवार रह रहा है। अगर छापेमारी की जाए तो उन्हें पकड़ा जा सकता है। उनके पास से जाली दस्तावेज बरामद किए जा सकते हैं। सूचना मिलने ही टीम ने तुरंत तकनीकी और मैनुअल संसाधनों का उपयोग करके जे जे कॉलोनी, बवाना में छापा मार तीनों को पकड़ लिया।

    तीनों ने बांग्लादेशी होने की बात कबूली

    तीनों ने पहले बांग्लादेश से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया और अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए दस्तावेज पेश कर पुलिस टीम को गुमराह करने की पूरी कोशिश की, जो सत्यापन के बाद जाली पाए गए। साक्ष्यों के आधार पर पूछताछ करने पर आखिरकार तीनों ने बांग्लादेशी अप्रवासी होने की बात कुबूल कर ली।

    तीनों आरोपित प्रॉपर्टी डीलिंग का कर रहे थे काम

    शाहिद और मिंटू, मुस्ताक के बेटे हैं। उन्होंने बताया कि वे बांग्लादेश से सीमा पार कर पहले बंगाल आए और वहां से फिर दिल्ली आ गए थे। यहां स्थानीय लोगों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड आदि जाली दस्तावेज हासिल करने में कामयाब रहे। दिल्ली में ये कई जगहों पर रहे। कुछ सालों से वे जेजे कॉलोनी, बवाना में बस गए। वहां ये लोग प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर रहे थे।

    महरौली में पकड़ा गया एक बांग्लादेशी

    दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने भी अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे एक बांग्लादेशी घुसपैठिये को पकड़ा है। वह 15 साल से महरौली में छिपा था। जिले की स्पेशल स्टाफ ने उसे गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान बागिरहाट के रहने वाले मोहम्मद मोंटो के रूप में हुई है। पुलिस को उसके पास कोई भी वैध भारतीय दस्तावेज नहीं मिला है। पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि घुसपैठिये को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के समक्ष पेश कर डिपोर्ट का आर्डर करवा डिटेंशन सेंटर में रखवा दिया गया है।

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