'दिल्ली के वोटरों को लुभाने के लिए बनाया गया इस बार का बजट', DMK सांसद ने क्यों कही यह बात?
डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने कहा यह एक बहुत ही निराशाजनक बजट है। ऐसा लगता है कि यह बजट 5 फरवरी को दिल्ली में होनेवाली वोटिंग को देखते हुए वोटरों को लुभाने के लिए एक योजना के तहत बनाई गई है। वित्त मंत्री ने एक बड़ी छूट देते हुए कहा है कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं है।

एएनआई, नई दिल्ली। डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने शनिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार का केंद्रीय बजट मुख्य रूप से दिल्ली चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए बनाया गया है। उन्होंने बजट को भ्रमित करने वाला बताया। वित्त मंत्री ने शुरू में घोषणा की थी कि 12 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। बाद में उन्होंने 8 से 12 लाख तक की आय के लिए 10% कर स्लैब की जानकारी दी।
उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही निराशाजनक बजट है। ऐसा लगता है कि यह बजट 5 फरवरी को दिल्ली में होनेवाली वोटिंग को देखते हुए वोटरों को लुभाने के लिए एक योजना के तहत बनाई गई है। वित्त मंत्री ने एक बड़ी छूट देते हुए कहा है कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं है। फिर वह कहती हैं कि 8 से 12 लाख रुपये के लिए 10 प्रतिशत का स्लैब है। मुझे लगता है कि दिल्ली के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए 12 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट का वादा किया गया है। लेकिन यह उतना भी सरल और सीधा नहीं है। उन्हें इसके लिए टीडीएस और अन्य सभी चीजों का दावा करना होगा, इसलिए मध्यम वर्ग के लिए निराशा ही हाथ लगी है।"
वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को दिया धोखा: मारन
उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्री ने एक बार फिर मध्यम वर्ग को धोखा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के लिए की गई घोषणाएं केवल चुनावी उद्देश्यों के लिए थीं, जिनमें दक्षिणी राज्यों के लिए बजट लाभ का कोई जिक्र नहीं था। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि मध्यम वर्ग को वित्त मंत्री ने एक बार फिर धोखा दिया है। बुनियादी ढांचा देश के बाकी हिस्सों में नहीं जा रहा है। यह केवल बिहार की ओर जा रहा है क्योंकि इस साल बिहार में चुनाव हैं। तमिलनाडु या अन्य किसी राज्य के लिए एक शब्द भी नहीं कहा गया है।"
राजनीतिक उद्देश्य के लिए बनाए जा रहे बजट: कार्ति चिदंबरम
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि इस बजट में पुराने प्रस्तावों पर गौर करने से पहले उनकी स्थिति की जांच करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "कई नए प्रस्ताव आए हैं, लेकिन किसी को यह भी देखना चाहिए कि पिछले बजट में घोषित प्रस्तावों का क्या हुआ? पिछले बजट में भी कुछ बड़ी योजनाओं की घोषणा की गई थी तो उनकी स्थिति क्या है? और अब एक और प्रस्ताव की घोषणा की गई है। यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि जब भी किसी राज्य में चुनाव होता है तो उस पर जरूरत से ज्यादा ध्यान दिया जाता है, लेकिन ऐसा लगता है कि इन दिनों बजट इसी राजनीतिक दिशा में बनाए जाते हैं।"
12 लाख रुपये की आय तक कोई टैक्स नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2025 भाषण के दौरान घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा, जिससे करदाताओं, विशेषकर मध्यम वर्ग को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी। वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा मानक कटौती के 75,000 रुपये गिनकर 12.75 लाख रुपये होगी। उन्होंने यह भी कहा कि नई आयकर व्यवस्था सरल होगी, जिसमें मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इसमें एक पेंच है। यह छूट तभी मिल सकेगी, जब करदाता आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत राहत लेता है। जैसे धारा 80CCC के तहत 1.5 लाख रुपये की छूट, होम लोन पर ब्याज का भुगतान करने के लिए 1.5 लाख रुपये की छूट आदि।
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